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Karwa Chauth 2025: इस आरती के बिना अधूरी है करवा माता की पूजा, पूरी होगी मनचाही मुराद

Chikheang 5 hour(s) ago views 130

  Karwa Chauth 2025: करवा चौथ का धार्मिक महत्व





धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, शुक्रवार 10 अक्टूबर यानी आज करवा चौथ है। करवा चौथ का त्योहार हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर मनाया जाता है। इस शुभ अवसर पर विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए निर्जला व्रत रख रही हैं। साथ ही करवा माता और शिव परिवार की पूजा की जा रही है। वहीं, व्रत का समापन संध्याकाल में चंद्र दर्शन के बाद किया जाएगा। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

  



धार्मिक मत है कि करवा चौथ का व्रत (Karwa Chauth 2025) करने से हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही व्रती को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही वैवाहिक जीवन खुशियों से भर जाता है। करवा माता की पूजा इस आरती के बिना अधूरी मानी जाती है। इसके लिए आज पूजा के समय करवा माता की आरती जरूर करें।
करवा चौथ की आरती (Karwa Mata ki Aarti)

ॐ जय करवा मैया, माता जय करवा मैया।



जो व्रत करे तुम्हारा, पार करो नइया।।

ॐ जय करवा मैया...

सब जग की हो माता, तुम हो रुद्राणी।

यश तुम्हारा गावत, जग के सब प्राणी।।

ॐ जय करवा मैया...

ॐ जय करवा मैया, माता जय करवा मैया।

जो व्रत करे तुम्हारा, पार करो नइया।।

ॐ जय करवा मैया...

कार्तिक कृष्ण चतुर्थी, जो नारी व्रत करती।

दीर्घायु पति होवे , दुख सारे हरती।।

ॐ जय करवा मैया, माता जय करवा मैया।



जो व्रत करे तुम्हारा, पार करो नइया।।

ॐ जय करवा मैया...

होए सुहागिन नारी, सुख संपत्ति पावे।

गणपति जी बड़े दयालु, विघ्न सभी नाशे।।

ॐ जय करवा मैया, माता जय करवा मैया।
पार्वती माता की आरती (Parvati Mata Ki Aarti Lyrics In Hindi)

ब्रह्म सनातन देवी शुभ फल की दाता॥

जय पार्वती माता

अरिकुल पद्म विनाशिनि जय सेवक त्राता।

जग जीवन जगदंबा, हरिहर गुण गाता॥



जय पार्वती मातासिंह को वाहन साजे, कुण्डल हैं साथा।

देव वधू जस गावत, नृत्य करत ताथा॥

जय पार्वती माता...

सतयुग रूपशील अतिसुन्दर, नाम सती कहलाता।

हेमांचल घर जन्मी, सखियन संग राता॥

जय पार्वती माता...

शुम्भ-निशुम्भ विदारे, हेमांचल स्थाता।

सहस्त्र भुजा तनु धरि के, चक्र लियो हाथा॥

जय पार्वती माता...

सृष्टि रूप तुही है जननी शिवसंग रंगराता।



नन्दी भृंगी बीन लही सारा जग मदमाता॥

जय पार्वती माता...

देवन अरज करत हम चित को लाता।

गावत दे दे ताली, मन में रंगराता॥

जय पार्वती माता...

श्री प्रताप आरती मैया की, जो कोई गाता।

सदासुखी नित रहता सुख सम्पत्ति पाता॥

जय पार्वती माता...

अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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