deltin51
Start Free Roulette 200Rs पहली जमा राशि आपको 477 रुपये देगी मुफ़्त बोनस प्राप्त करें,क्लिकtelegram:@deltin55com

Bihar Politics: तेजस्वी RJD और राहुल गांधी Congress में रस्साकशी तेज, महागठबंधन में सीट बंटवारे पर यहां नूराकुश्ती

Chikheang 2025-10-9 08:35:55 views 1140

  Bihar Politics: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की सरगर्मी के बीच महागठबंधन में सीट बंटवारे पर रस्साकशी तेज हो गई है।





जितेंद्र, भागलपुर। Bihar Chunav 2025 बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की सरगर्मी के बीच महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर रस्साकशी तेज हो गई है। अभी तक अंतिम सहमति नहीं बन सकी है, लेकिन दावेदारी को लेकर अंदरूनी हलचल बढ़ गई है। भागलपुर जिले में कांग्रेस ने भागलपुर, कहलगांव और सुल्तानगंज तीनों सीटों पर दावा ठोका है। इनमें से कहलगांव को लेकर पार्टी में सबसे अधिक उत्साह और खींचतान है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

कहलगांव कांग्रेस के लिए सिर्फ एक विधानसभा क्षेत्र नहीं, बल्कि राजनीतिक पहचान और विरासत का प्रतीक रहा है। यही कारण है कि इस बार टिकट की सबसे अधिक होड़ इसी सीट पर देखी जा रही है। स्थानीय कार्यकर्ता और नेता मानते हैं कि हाईकमान सीटिंग सीट के साथ छेड़छाड़ नहीं करेगा। इस कारण कई दावेदारों ने ध्यान उन सीटों पर केंद्रित कर दिया है, जहां संभावना दिखती है, जिनमें कहलगांव सबसे प्रमुख है।



कहलगांव से कांग्रेस के एक दर्जन से अधिक नेताओं ने टिकट के लिए आवेदन दिया है। इनमें जिला और प्रखंड स्तर के पदाधिकारी से लेकर कई वरिष्ठ और युवा नेता शामिल हैं। पार्टी की स्क्रीनिंग कमेटी ने सभी आवेदनों को बंद लिफाफे में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी को भेज दिया है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, अगले दो से तीन दिनों में उम्मीदवारों के नामों की घोषणा हो सकती है। कांग्रेस खेमे में यह चर्चा भी तेज है कि अगर यह सीट महागठबंधन के भीतर किसी अन्य दल को दी गई, तो यह कांग्रेस के लिए बड़ा झटका साबित होगा, खासकर तब जब यह सीट लंबे समय से कांग्रेस की राजनीतिक पहचान रही है।



कहलगांव विधानसभा सीट का इतिहास कांग्रेस के स्वर्ण युग से जुड़ा रहा है। अब तक हुए सत्रह विधानसभा चुनावों में से बारह बार कांग्रेस ने जीत दर्ज की है। 1951 में हुए पहले चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार विजयी बने थे। उसके बाद लंबे समय तक यहां पार्टी का वर्चस्व कायम रहा। इस सीट को कांग्रेस का गढ़ बनाने का श्रेय स्वर्गीय सदानंद सिंह को जाता है, जिन्होंने नौ बार विधायक बनकर इस क्षेत्र में पार्टी की नींव मजबूत की।



उन्होंने 1985 में निर्दलीय रहते हुए भी जीत दर्ज की थी। वर्ष 2000, 2005, 2010 और 2015 के चुनावों में कांग्रेस ने उनकी अगुवाई में लगातार जीत हासिल की। हालांकि 2020 के चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार शुभानंद मुकेश भाजपा के पवन यादव से हार गए, लेकिन आज भी कहलगांव में कांग्रेस का वोट बैंक और संगठनात्मक ढांचा मजबूत है। यही कारण है कि पार्टी इस सीट को किसी भी कीमत पर छोड़ना नहीं चाहती।



कहलगांव के बाद सुल्तानगंज कांग्रेस में दूसरी सबसे बड़ी चर्चा का केंद्र बन गया है। यहां भी कई नए उम्मीदवार सक्रिय हैं और क्षेत्र में अपनी पैठ बनाने में जुटे हैं। स्थानीय नेता दावा करते नहीं थक रहे कि इस बार उनकी जीत तय है। पार्टी सूत्र बताते हैं कि सुल्तानगंज में भी टिकट को लेकर अंदरूनी होड़ तेज है और कई नाम हाईकमान के सामने विचाराधीन हैं।

इधर महागठबंधन के भीतर राजद भी कहलगांव और सुल्तानगंज दोनों पर नजर गड़ाए हुए है। राजद के भी आधा दर्जन नेता इन सीटों से टिकट की दौड़ में हैं। इसी बीच तेजस्वी यादव की सभा कहलगांव में की गई है, जिसने कांग्रेस खेमे की चिंता बढ़ा दी है। पार्टी को आशंका है कि अगर सभा में किसी संकेत के जरिए राजद की दावेदारी मजबूत की गई, तो कांग्रेस के लिए अपनी परंपरागत सीट बचाना मुश्किल हो सकता है।
like (0)
ChikheangForum Veteran

Post a reply

loginto write comments
Chikheang

He hasn't introduced himself yet.

410K

Threads

0

Posts

1210K

Credits

Forum Veteran

Credits
128275