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विश्व डाक दिवस विशेष: डिजिटल युग में भी अपनों की मौजूदगी का अहसास करा रहे चिट्ठियों के जज्बात

cy520520 2025-10-9 08:35:55 views 1268

  
विश्व डाक दिवस विशेष: डिजिटल युग में भी अपनों की मौजूदगी का अहसास करा रहे चिट्ठियों के जज्बात



जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। आज जहां एक क्लिक में दुनिया के किसी भी कोने में संदेश भेजा जा सकता है, वहीं चिट्ठियां ये पुराने समय की सादगी और भावनाओं से भरे संदेश पहुंचाने का एक माध्यम रही हैं। जो आज भी अपनी खास जगह बनाए हुए हैं। स्मार्ट फोन, इंटरनेट मीडिया की तेज रफ्तार दुनिया में भी चिट्ठियों का महत्व पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। पुराने जमाने की चिट्ठियां आज भी लोग संभालकर रखते हैं। ये सिर्फ संदेश नहीं होतीं, ये यादों का खजाना होती हैं। आज भी कई लोग ऐसे शौकीन लोग हैं जो चिट्ठियों के माध्यम से संदेश भेजना पसंद करते हैं। वर्तमान में देश के विभिन्न शहरों, राज्यों के साथ विदेश में चिट्ठी के माध्यम से संदेश भेजने का सिलसिला पूरी तरह से थमा नहीं है। नवयुग मार्केट स्थित मुख्य डाकघर से देश के विभिन्न राज्यों और विदेश में साल भर में करीब पांच हजार चिट्ठियां भेजी गई हैं।  विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
त्योहारों में लाता है करीब

विभिन्न त्योहारों पर बड़ी संख्या में लोग एक दूसरे को उपहार, शुभकामनाएं आदि डाक के माध्यम से भेजते हैं। मुख्य तौर पर रक्षाबंधन के त्योहार पर बड़ी संख्या में शहरवासी हैं जो डाक के माध्यम से राखियों को दूसरे शहर और विदेश तक भेजते हैं। इस साल रक्षाबंधन के त्योहार से ठीक पहले साफ्टवेयर अपडेट होने की वजह से काफी कम राखियां पोस्ट हो सकी थीं, लेकिन बीते वर्ष रक्षाबंधन से पहले 10 दिनों में लगभग 40 हजार राखियां भेजी गईं थीं, जिनमें गाजियाबाद के मुख्य डाकघर से अकेले सात हजार राखियां भेजी गई थीं। इसके अलावा दीवाली, भैया दूज आदि पर भी डाक के माध्यम से शुभकामनाएं, उपहार आदि भेजे जाते हैं।
बढ़ गईं काॅमर्शियल चिट्ठियों की संख्या

मुख्य डाकघर में सीनियर पोस्ट मास्टर चंचल ढाका ने बताया कि चिट्ठियों का आदान प्रदान भले ही काफी कम हो गया है, लेकिन पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है। हालांकि वर्तमान में कामर्शियल चिट्ठियों की संख्या काफी ज्यादा बढ़ गई है। केवल मुख्य डाकघर से ही प्रतिदिन लगभग हजार से डेढ़ हजार तक डाक होती हैं। बाकी शहर भर के डाकघर से कामर्शियल चिट्ठियां भेजी जाती हैं। ऐसे में कामर्शियल डाक का आंकड़ा काफी बड़ा हो जाता है।
हाईटेक हुए पोस्ट ऑफिस तो सेवाएं हुईं सुगम

करीब दो माह पहले तक भी मुख्य डाकघर के आगे विभिन्न कार्यों के लिए ग्राहकों की लाइन लगी रहती थी लेकिन अगस्त माह में डाकघरों को भी हाईटेक कर दिया गया है।

सिस्टम में नए साॅफ्टवेयर अपडेट करने के साथ ई भुगतान के लिए पीओएस मशीन (प्वाइंट आफ सेल) जिससे स्पीड पोस्ट, पार्सल और रजिस्ट्री समेत अन्य सेवाओं के लिए डेबिट कार्ड एवं क्रेडिट कार्ड से भुगतान शुरू किया गया है। जिससे सेवाओं में तेजी आई है।

एक सितंबर से रजिस्टर्ड डाक सेवा स्पीड पोस्ट के साथ मर्ज कर दिया गया है। जिसके साथ दरों में रियायत दी गई है। पोस्ट सेवाओं में पारदर्शिता भी बढ़ाई गई है। साथ ही अब छोटे डाक घरों में सभी तरह की सेवाएं दी जा रही हैं, जिससे मुख्य डाक घर पर सेवाओं का बोझ कम हुआ है।

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