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आर्मी ऑफिसर बन ChatGPT का इस्तेमाल कर महिला टीचर से ठगी; 99acres पर किराए के नाम पर उड़ाए डेढ़ लाख रुपए

deltin33 2025-10-8 05:36:52 views 1084

  ठग ने आर्मी का फर्जी आईडी कार्ड और कैंटीन कार्ड भी इस्तेमाल किया।





नई दिल्ली| ऑनलाइन ठग अब भारतीय सेना के नाम पर भरोसा जीतकर लोगों से पैसे ठगने लगे हैं। ताजा मामला हरियाणा के गुरुग्राम का है, जहां साइबर ठग ने खुद को \“सेना का अफसर\“ बताकर एक महिला टीचर से करीब डेढ़ लाख रुपए की ठगी कर ली। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

घटना 30 सितंबर को तब हुई, जब महिला टीचर ममता भसीन से 99acres.com प्रॉपर्टी पोर्टल के जरिए रणदीप सिंह नाम के व्यक्ति ने संपर्क किया। उसने कहा कि वह सेना में अफसर है और उनके परिवार की संपत्ति किराए पर लेना चाहता है। भरोसा जीतने के लिए उसने पैन कार्ड, आधार कार्ड और आर्मी कैंटीन कार्ड की तस्वीरें भी भेजीं।



  
\“आर्मी अकाउंट\“ के नाम पर बना जाल

रणदीप ने 50,000 रुपए की सिक्योरिटी डिपॉजिट की बात कही और कहा कि पैसे ट्रांसफर करने से पहले 10 रुपए का एक ट्रायल भेजना होगा ताकि खाता वेरिफाई हो सके। ट्रांजैक्शन के बाद 10 रुपए वापस कर भी दिए गए ताकि भरोसा बन सके। इसके बाद महिला को 45,995 भेजने को कहा गया, यह कहते हुए कि तुरंत 50,000 रुपए की रिफंडेबल राशि मिलेगी।



ठगी को और मजबूत दिखाने के लिए एक अनिकेत नाम का एक और व्यक्ति सामने आया, जिसने फर्जी आर्मी आईडी कार्ड की फोटो भेजी। जब महिला का यूनियन बैंक खाता काम नहीं किया तो ठगों ने कहा कि ICICI बैंक खाते से पैसे भेजो।

महिला ने अपनी बेटी के खाते से अपने अकाउंट में 48,000 रुपए ट्रांसफर किए और दो बार में 49,995 भेज दिए। खास बात है कि यह पैसा किसी आर्मी अफसर नहीं बल्कि कानपुर की किसी प्रभा देवी के खाते में गया, जिसे “आर्मी वेलफेयर अकाउंट“ बताया गया।


ChatGPT से रशीद बनाकर बढ़ाया भरोसा

पैसे भेजने के बाद महिला को ICICI बैंक रसीद भेजी गई। जिसमें दिखाया गया कि उनके खाते में 1,99,995 क्रेडिट हो गया है। असल में यह रसीद फर्जी थी, जो ChatGPT की मदद से बनाई गई थी। हालांकि, इसके बाद महिला टीचर को समझ आया कि वे सोची-समझी ऑनलाइन ठगी का शिकार हो चुकी हैं।  

  


साइबर पोर्टल पर शिकायत, पुलिस कर रही छानबीन

महिला ने तुरंत ही राष्ट्रीय साइबर अपराध पोर्टल (www.cybercrime.gov.in) और साइबर हेल्पलाइन 1930 पर शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने यूनियन बैंक और ICICI बैंक को भी ईमेल भेजकर जानकारी दी। फिलहाल साइबर क्राइम ने मामला दर्ज कर लिया है और साइबर अपराधियों की जांच की जा रही है।  

यह मामला दिखाता है कि डिजिटल पेमेंट सिस्टम और सरकारी पहचान पत्रों का दुरुपयोग कितनी आसानी से किया जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि महिलाएं, बुजुर्ग और डिजिटल रूप से कम जानकार लोग सबसे ज्यादा निशाने पर हैं। अब जरूरत है कि बैंक, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म और सरकार तेज और पारदर्शी साइबर रिकवरी सिस्टम बनाएं ताकि आम लोग ऐसे जाल में न फंसें।


बढ़ते साइबर फ्रॉड की घटनाओं से कैसे बचें?

साइबर क्राइम के अधिकारियों के मुताबिक, साइबर फ्रॉड से बचने के लिए अनजान लिंक, कॉल्स या मैसेज पर भरोसा न करें। बैंक डिटेल्स या OTP कभी साझा न करें। मजबूत पासवर्ड बनाएं और नियमित बदलें। साइबर क्राइम पोर्टल (www.cybercrime.gov.in) (www.cybercrime.gov.in) या हेल्पलाइन (1930) पर तुरंत शिकायत करें। ऑनलाइन लेनदेन सुरक्षित प्लेटफॉर्म पर करें। जागरूक रहें, संदिग्ध गतिविधियों की जांच करें।
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