सांकेतिक तस्वीर।
जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। राज्य कर विभाग की मोबाइल टीम ने आयरन स्क्रैप से भरे एक ट्रक पकड़ा है। जांच में दस्तावेज की मिलने पर 4.28 लाख का जुर्माना लगाया है। राज्यकर अधिकारियों के अनुसार, पत्र न केवल गड़बड़ थे, बल्कि माल के वास्तविक स्रोत को छिपाने की कोशिश भी स्पष्ट दिखाई दी। वाहन संख्या HR 55 T 2278 को सात सितंबर को रामपुर में रोका गया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
ट्रक में संदिग्ध आयरन स्क्रैप, गलत ई-वे बिल पर 4.28 लाख जुर्माना
पूछताछ में चालक ने बताया कि माल मोतीहारी (बिहार) से गोबिंदगढ़ (पंजाब) जा रहा है। लेकिन चालक द्वारा दिखाए गए दस्तावेज-जीआर, इनवाइस और ई-वेबिल तीन अलग-अलग राज्यों की अलग-अलग फर्मों के पाए गए। इससे जांच टीम को संदेह हुआ। ई-वेबिल के मुताबिक माल रायपुर छत्तीसगढ़ से डिस्पैच दिखाया गया था, जबकि चालक लगातार बिहार से लोडिंग की बात कहता रहा।
ई-वेबिल फर्जी निकला
विभाग ने ट्रक के टोल प्लाजा आंकड़े खंगाले तो पता लगा कि वाहन दो सितंबर को बिहार में ही था और छत्तीसगढ़ की ओर गया ही नहीं। इससे ई-वेबिल फर्जी निकला। दिखाई गई इनवाइस श्री बाबा ट्रेडर्स झारखंड का था, लेकिन जिस फर्म के लिए इनवाइस बनाया गया, वह हिमाचल प्रदेश की एक अन्य फर्म निकली। विभाग के अनुसार इनवाइस में दर्ज लेनदेन और ट्रक में मौजूद माल में कोई मेल नहीं है।
कारोबार संदिग्ध माना गया
वहीं ई-वेबिल बनाने वाली फर्म विद्या ट्रेडर्स ने लंबे समय से जीएसटी रिटर्न दाखिल नहीं कर रही है, जिससे उसका कारोबार संदिग्ध माना गया। दस्तावेज का यह सेटअप माल परिवहन को वैध दिखाने का प्रयास लगता है, जबकि वास्तविक माल का स्रोत पूरी तरह छिपाया है। इसे कर चोरी की सोची-समझी मंशा मानते हुए केंद्रीय जीएसटी-जीएसटी एक्ट की धारा 129(3) में कार्रवाई की गई। नोटिस में 14 दिनों के भीतर जुर्माना जमा करने का निर्देश दिया है। तय समय में राशि जमा न होने पर वाहन और माल की नीलामी की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। |