रात के अंधेरे में डाला गया सीमेंट का घोल। फोटो जागरण
संवाद सहयोगी, अमरपुर (बांका)। शहर के आधा दर्जन वार्डों में करीब एक करोड़ रुपये की पीसीसी सड़क एवं नाला निर्माण कार्य कराए जाने की जानकारी सामने आई है, लेकिन हैरान करने वाली बात यह है कि नगर पंचायत प्रशासन के शीर्ष प्रतिनिधि ही इस काम के बारे में अनभिज्ञता जता रहे हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
मुख्य पार्षद, कनीय अभियंता और यहां तक कि कार्यपालक पदाधिकारी तक निर्माण कार्य से पल्ला झाड़ चुके हैं, जिससे पूरा मामला रहस्य में डूब गया है।
जानकारी के अनुसार, मात्र चार महीने पहले वार्ड संख्या नौ में पानी टंकी के पास डॉ. अंजनी कुमार मिश्रा के आवास से लेकर हरकुमर पोखर कानू टोला तक करीब दो हजार फीट लंबी पीसीसी सड़क का निर्माण कराया गया था।
जगह-जगह उखड़ने लगी है सड़क
स्थानीय लोगों का आरोप है कि निर्माण गुणवत्ता इतनी खराब रही कि महज कुछ ही महीनों में सड़क जगह–जगह से उखड़ने लगी और छर्री बाहर आने लगी है। इससे मोहल्लेवासियों में भारी आक्रोश व्याप्त है।
गुरुवार की देर रात वार्ड देवी द्वारा आधा दर्जन मजदूर बुलाकर सड़क पर सीमेंट का घोल डालकर खराबी छिपाने की कोशिश की गई, लेकिन स्थानीय लोगों के विरोध के बाद मजदूर मौके से फरार हो गए। रात में हुए इस कथित मरम्मत ड्रामे की पूरे नगर में चर्चा बनी हुई है।
वार्ड संख्या 9 के ओमप्रकाश सिंह, संतोष सिन्हा, जलधर साह समेत कई लोगों ने बताया कि चार महीने पूर्व इसी वार्ड में पार्षद द्वारा सड़क बनवाई गई थी, जिसकी गुणवत्ता शुरू से ही संतोषजनक नहीं थी। लोगों का आरोप है कि खराब कार्य छिपाने के लिए रात में लीपापोती की जा रही थी।
जांच की मांग
घटिया निर्माण पर नाराज स्थानीयों ने उच्च स्तरीय जांच की मांग की है, ताकि वास्तविक जिम्मेदारों की पहचान हो सके। वहीं नगर पंचायत प्रशासन इस मामले में खामोश है।
मुख्य पार्षद रीता साहा और कनीय अभियंता विपिन पंडित का कहना है कि नगर पंचायत की विभागीय अथवा टेंडर प्रक्रिया से इस सड़क का निर्माण नहीं हुआ। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि आखिर यह सड़क किस मद से और किसके द्वारा बनाई गई? |