भूमि की खरीद-बिक्री पर लगी रोक। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, मोतिहारी (पूर्वी चंपारण)। लंबे समय से मेहसी के बूढ़ी गंडक के इब्राहिमपुर में पुल के निर्माण की मांग अब पूरी होती दिख रही है। इस पुल के निर्माण की स्वीकृति तो पहले ही मिल चुकी थी, पर सामाजिक प्रभाव आकलन के कारण प्रक्रिया रुकी थी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
वहीं विधानसभा चुनाव समाप्त होने के बाद एक बार फिर प्रक्रिया में तेजी आई है और भूमि अधिग्रहण को लेकर अधिसूचना जारी कर दी गई है।अधिसूचना जारी होने के साथ यह स्पष्ट कर दिया गया है कि पुल के निर्माण के लिए 186 डिसमिल भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा।
भूमि अधिग्रहण के दौरान कोई भी परिवार विस्थापित नहीं हो रहा है। जिस भूमि का अधिग्रहण होना है उसके स्वामी काे भी इसकी सूचना दे दी गई है। साथ ही अधिसूचना के बाद भूमि का स्थानांतरण व खरीद- बिक्री पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है।
सामाजिक प्रभाव आकलन की टीम ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। जिस भूमि का अधिग्रहण होना है उसमें स्वामित्व का प्रकार भी स्पष्ट किया है, जिसमें बकास्त मालिक, कायमी व गैरमजरूआ आम शामिल है। सभी भूमि को कृषि योग्य भूमि की श्रेणी में रखा गया है।
बताया गया कि छह प्लाट में भूमि का अधिग्रहण होना है। जिसमें 63 नंबर की 120 डिसमिल भूमि का स्वामित्व बकास्त है। जबकि 48, 49, 50 व 52 नंबर की भूमि कायमी है। वहीं 51 नंबर की भूमि सड़क की है जो आम गैरजरूआ है।
सभी रैयतों के नाम जारी करते हुए कहा गया है कि अगर इस संबंध में किसी को आपत्ति हो तो वे 60 दिनों के अंदर जिला भू-अर्जन कार्यालय में अपनी दावा या आपत्ति दर्ज करा सकेंगे। इसके बाद उनके दावा का निष्पादन कर अधिघोषणा जारी की जाएगी। साथ ही भूमि का अधिग्रहण कर भू-स्वामियों को मुआवजा का भुगतान कर पुल निर्माण विभाग को सौंप दिया जाएगा।
शिवहर च सीतामढ़ी की राह होगी आसान
इब्राहिमपुर में पुल के निर्माण से लोगों के आवागमन की राह आसान होने के साथ दो प्रखंड मेहसी व मधुबन का सीधा जुड़ाव हो जाएगा। अभी लोग चकिया व बारा घाट होकर 18 किमी की दूरी तय कर मेहसी से मधुबन पहुचते हैं, पर पुल के निर्माण के बाद यी दूरी 9 किमी रह जाएगी।
साथ ही शिवहर व सीतामढ़ी जाने के लिए भी यह मार्ग उपयोगी साबित होगा। यही नहीं सड़क के निर्माण के बाद इसके किनारे पड़ने वाली भूमि की उपयोगिता भी बढ़ेगी व ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को इसका बेहतर लाभ मिल सकेगा। |