प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर। (जागरण)
जागरण संवाददाता, बेतिया। महापौर गरिमा देवी सिकारिया ने बताया कि 8.88 करोड़ की लागत से मनुआ पुल के 727 हाइवे से जमादार टोला होते कालीबाग थाना पीसीसी और नाला का निर्माण शीघ्र ही शुरू हो जाएगा।
मुख्यमंत्री समग्र विकास योजना के तहत स्वीकृत योजना के निर्माण पर निगम देख-देख करेगा। चयनित निर्माण एजेंसी के लिए पूरे सात साल तक इसके मेंटेनेंस की अनिवार्य शर्त सरकारी नियम के आधार पर निर्धारित की जाएगी।
महापौर ने बताया कि नगर निगम के सघन शहरी क्षेत्र में आवागमन का एक बेहतर विकल्प बनने वाली इस डबल लेन पीसीसी रोड और आरसीसी नाला निर्माण पर कुल 8.88 करोड़ से भी अधिक की लागत आना निर्धारित है।
महीनों माह बाद बंद पड़े शीतल एवं शुद्ध पेयजल आपूर्ति चालू
वहीं, दूसरी ओर नगर पंचायत मच्छरगावां प्रशासन द्वारा महीनों से बंद पड़े समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र योगापट्टी परिसर में लगाए गए शीतल एवं शुद्ध पेयजल नलकूप सोमवार को फिर से शुरू कर दी गई। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
दैनिक जागरण में खबर प्रकाशित होने के बाद प्रशासन हरकत में आया। जिसके बाद शीतल पेयजल व्यवस्था बहाल होने से स्थानीय लोगों मरीजों और उनके परिजनों में खुशी की लहर दौड़ गई है।
काफी समय से नलकूप के खराब रहने के कारण अस्पताल आने-जाने वाले लोगों को स्वच्छ पेयजल के लिए काफी परेशानी झेलनी पड़ रही थी। अस्पताल परिसर एवं नजदीकी सार्वजनिक स्थानों पर पेयजल उपलब्ध नहीं होने से लोग दूर-दूर तक पानी की तलाश में भटकने को मजबूर थे। यह स्थिति मरीजों और उनके परिजनों के लिए और भी गंभीर बन गई थी।
स्थानीय निवासी दिलीप वर्मा संजय वर्मा द्वारका साह मुन्ना साह अवधेश गुप्ता सहित अन्य लोगों ने बताया कि नगर पंचायत प्रशासन की लापरवाही के कारण दो माह से अधिक समय तक शुद्ध पेयजल की सुविधा ठप रही। समस्या को बार-बार उठाए जाने के बावजूद समाधान नहीं हो पा रहा था।
वहीं, शीतल पेयजल आपूर्ति के संवेदक प्रशांत दुबे ने बताया कि मशीन का एक आवश्यक पुर्जा जल जाने के कारण आपूर्ति बाधित हुई थी। यह पुर्जा स्थानीय स्तर पर उपलब्ध नहीं था। जिसके कारण इसे दिल्ली से मंगाने में समय लग गया। अब आवश्यक पार्ट उपलब्ध कराकर तकनीकी मरम्मत पूरी कर दी गई है। जिससे शीतल एवं शुद्ध पेयजल की आपूर्ति सुचारू रूप से शुरू हो गई है।
स्थानीय ग्रामीणों ने पेयजल सुविधा बहाल होने पर राहत की सांस ली है। और नगर पंचायत प्रशासन से इस व्यवस्था की नियमित देखरेख की मांग की है। ताकि भविष्य में ऐसी समस्या न उत्पन्न हो। |