deltin51
Start Free Roulette 200Rs पहली जमा राशि आपको 477 रुपये देगी मुफ़्त बोनस प्राप्त करें,क्लिकtelegram:@deltin55com

रंग-बिरंगे प्रवासी परिंदों का दीदार करना चाहें तो हैदरपुर आएं.... यहां जुटा है सुंदर-सलोने सैलानी पक्षियों का कुनबा

deltin33 2025-12-1 18:39:36 views 346

  

हैदरपुर वेटलैंड में चिह्नित की गई 335वीं प्रजाति हिमालयी ग्रीनफिंच चिड़िया। सौ. आशीष लोया



जागरण संवाददाता, मीरापुर (मुजफ्फरनगर)। मुजफ्फरनगर-बिजनौर की सीमा पर स्थित मध्य गंगा बैराज के किनारे हैदरपुर वेटलैंड ने पक्षी प्रेमियों को एक नई उपलब्धि से आश्चर्यचकित कर दिया है। यहां हिमालयी प्रजाति की पीली छाती वाली ग्रीनफिंच की आमद दर्ज की गई है, जिससे अब चिह्नित पक्षी प्रजातियों की संख्या 335 तक पहुंच गई है। 17 नवंबर को यहां पहाड़ी चिड़िया राक बंटिंग (334वीं प्रजाति) देखी गई थी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

पक्षी विशेषज्ञ आशीष लोया ने बताया कि बर्ड वाचर सोहनवीर और शुभम के साथ मिलकर नियमित गणना अभियानों के माध्यम से यह उपलब्धि पता चली है। आशीष लोया ने बताया कि ग्रीनफिंच की लंबाई 12-14 सेमी होती है, जिसमें जैतूनी हरा ऊपरी भाग और चमकीली पीली छाती होती है। यह पक्षी डेढ़ से तीन किमी ऊंचाई तक उड़ान भरता है और छोटे झुंड में बीज और कीड़े खाता है। यह मध्य-ऊंचाई वाले हिमालय और आस-पास के देशों जैसे अफगानिस्तान, पाकिस्तान, भारत, नेपाल, भूटान, म्यांमार, थाईलैंड, तिब्बत और वियतनाम का मूल निवासी है। भारत में यह हिमालय और पूर्वोत्तर के कुछ हिस्सों में भी देखा जाता है।

आमतौर पर यह निचले इलाकों की नदी तटीय आर्द्रभूमि के बजाय जंगल, झाड़ियों और खुले जंगल के किनारों में निवास करता है। हैदरपुर वेटलैंड में इसकी मौजूदगी जलवायु परिवर्तन का संकेत देती है। लगभग 6908 हेक्टेयर में फैला हैदरपुर वेटलैंड राज्य वन्यजीव बारहसिंघा अभयारण्य का हिस्सा है। यहां 25 हजार से अधिक जलपक्षी शरण लेते हैं, जिनमें मंगोलिया-रूस से आए प्रवासी पक्षी शामिल हैं।

यह इंडियन ग्रासबर्ड का प्रजनन स्थल भी है। इसे वर्ष 2021 में रामसर साइट का दर्जा मिला था, जो भारत का 47वां और उत्तर प्रदेश का 10वां रामसर स्थल है। यह नई प्रजातियों के पक्षियों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है, और पक्षी प्रेमियों को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में यहां और नई प्रजातियां देखने को मिलेंगी। प्रमुख प्रवासी पक्षी बार हेडेड गूज मंगोलिया-रूस से हजारों किमी उड़ान भरकर यहां आते हैं।

ग्रेलेग गूज साइबेरिया से सर्दियों में शरण लेते हैं। इंडियन स्किमर लुप्तप्राय प्रजाति है, जो गंगा किनारे मछली का शिकार करते हुए देखे जाते हैं। इस वेटलैंड में गंगा की शुद्धता को प्रमाणित करने वाली डाल्फिन भी पाई जाती है, और इसकी आर्द्रभूमि और जैवविविधता बाहरसिंघा को भी आकर्षित करती है। उमेश मिश्रा, डीएम मुजफ्फरनगर ने कहा कि हैदरपुर वेटलैंड में दो सप्ताह में दो नई प्रजातियों की आमद होना बहुत अच्छी बात है। जल्द ही यहां बर्ड फेस्टिवल का आयोजन कराकर स्कूली बच्चों, उद्यमियों और आसपास के लोगों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक किया जाएगा।
like (0)
deltin33administrator

Post a reply

loginto write comments
deltin33

He hasn't introduced himself yet.

710K

Threads

0

Posts

2110K

Credits

administrator

Credits
212407