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काशीपुर सबस्टेशन में 500 MVA का नया ट्रांसफार्मर लगेगा, कुमाऊं की विद्युत आपूर्ति को मिलेगी राहत

cy520520 2025-11-28 15:36:46 views 259

  

आयोग ने परियोजना के लिए 70.83 करोड़ की लागत को मंजूर किया। जागरण  



राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून। उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने (यूईआरसी) ने पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन आफ उत्तराखंड लिमिटेड को काशीपुर 400 किलोवोल्ट सबस्टेशन में 500 मेगा वोल्ट एंपियर, 400/220 किलोवोल्ट ट्रांसफार्मर लगाने की मंजूरी दी है। आयोग ने इस परियोजना के लिए 70.83 करोड़ की लागत को मंजूर किया है। इस ट्रांसफार्मर के लगने से काशीपुर सबस्टेशन और पूरे उत्तराखंड की बिजली आपूर्ति मजबूत और भरोसेमंद होगी।  विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

काशीपुर सबस्टेशन पूरे कुमाऊं और गढ़वाल के आंशिक क्षेत्र को बिजली सप्लाई करता है। वर्तमान में यहां दो 315 मेगा वोल्ट एंपियर क्षमता के ट्रांसफार्मर काम कर रहे हैं, जो लगभग 92 प्रतिशत क्षमता पर हैं। लोड बढ़ने और स्थानीय गैस पावर प्लांट बंद रहने पर विद्युत आपूर्ति पर दबाव बढ़ता है।

वर्ष 2017 में यहां पर 315 मेगा वोल्ट एंपियर का ट्रांसफार्मर लगाने की योजना थी, लेकिन टेंडर विफल रहने की वजह से यह कार्य नहीं हो पाया। अब बढ़ती बिजली मांग और ग्रिड सुरक्षा के लिए 500 मेगा वोल्ट एंपियर ट्रांसफार्मर लगाने का निर्णय लिया गया है।

नए ट्रांसफार्मर से काशीपुर सबस्टेशन की लोड संभालने की क्षमता बढ़ेगी। राज्य की ट्रांसमिशन क्षमता बढ़ेगी, जिससे बाहरी राज्यों से बिजली लेना आसान होगा व भविष्य में बिजली आपूर्ति में लचीलापन आएगा।

लंढौरा में जल्द शुरू होगा विद्युत सबस्टेशन का निर्माण

पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन आफ उत्तराखंड लिमिटेड (पिटकुल) ने लंढौरा में 400/220 किलो वोल्ट गैस इंसुलेटेड सबस्टेशन और इसकी संबंधित लाइनों के निर्माण के लिए संशोधित निवेश अनुमोदन याचिका उत्तराखंड विद्यु़त नियामक आयोग के पास पेश की थी। कमीशन ने इस याचिका को सैद्धांतिक रूप में मंजूरी दे दी है। परियोजना पर कुल खर्च 237.31 करोड़ रुपये आएगा।

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पहले लंढौरा में 400/220 किलो वोल्ट एयर इंसुलेटेड सबस्टेशन प्रस्तावित था, जिसकी लागत लगभग 151.67 करोड़ रुपये थी। उपलब्ध भूमि केवल 3.854 हेक्टेयर होने के कारण एआइएस की जगह गैस इंसुलेटेड सबस्टेशन का निर्माण प्रस्तावित किया गया। जीआइएस सबस्टेशन बनने से रुड़की और हरिद्वार के आसपास के क्षेत्र में बढ़ती बिजली की मांग को पूरा करने में मदद मिलेगी और ट्रांसमिशन नेटवर्क को मजबूती मिलेगी।

एशियन डेवलपमेंट बैंक की टीम ने भी परियोजना स्थल का दौरा किया। पिटकुल ने सबस्टेशन और संबंधित लाइनों की संशोधित लागत प्रस्तुत की है। नई लागत के अनुसार कुल खर्च 237.31 करोड़ रुपये आएगा। इससे नई डीपीआर में कुल लागत में वृद्धि हुई है। आयोग ने पिटकुल को निर्देश दिया है कि परियोजना का निर्माण जल्द शुरू किया जाए।
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