रिम्स की 7 एकड़ जमीन पर भारी अतिक्रमण
जागरण संवाददाता, रांची। राजेंद्र इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज (रिम्स) की लचर व्यवस्था को देखते हुए हाईकोर्ट के निर्देश पर दूसरे दिन गुरुवार को फिर झारखंड स्टेट लीगल सर्विसेज अथारिटी (झालसा) की टीम ने रिम्स परिसर का निरीक्षण किया। इस दौरान टीम के बड़गाई अंचलाधिकारी और बरियातू थाने के पदाधिकारी भी मौजूद थे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
झालसा की टीम ने रिम्स में हो रहे अतिक्रमण को देख चिंता जतायी, जिस पर उन्हें बताया गया कि रिम्स की लगभग सात एकड़ जमीन पर अतिक्रमण है। जिसके बाद झालसा की सचिव रंजना अस्थाना ने अंचलाधिकारी को एक घंटे के अंदर पूरी रिपोर्ट देने का निर्देश दिया।
अभी तक नहीं दर्ज हुई प्राथमिकी
उन्होंने रिम्स के संपदा पदाधिकारी से पूछा कि क्या उन्होंने अभी तक थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है। जिस पर जवाब मिला कि प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है। लेकिन इसकी सूचना लगातार अंचालाधिकारी और थाने को दी गई है, लेकिन इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई।
जिस पर अंचलाधिकारी ने बताया कि रिम्स को जमीन हस्तांतरित की जा चुकी है, जिसके बाद उनकी यह जिम्मेदारी बनती है। अब रिम्स प्रबंधन ने बैठक कर प्राथमिकी करने पर विचार करने की बात कही है।
मालूम हो कि पिछली जांच में पाया गया है कि रिम्स की जमीन पर पक्का व कच्चा मकानों की संख्या 50 के आसपास है। जबकि अधिकतर जमीन पर अवैध रूप से कब्जा किया गया है। जिसमें कई दुकानें व धार्मिक स्थल, पार्क आदि भी बनाए गए हैं।
पारामेडिकल स्कूल के पास बाउंड्री टूटी पाई गई
रिम्स के पारामेडिकल स्कूल के पास बिल्डर द्वारा बाउंड्री तोड़कर अवैध तरीके से रास्ता बना दिया गया है। जिसे देखने के बाद झालसा ने कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। इसके बाद रिम्स प्रबंधन ने बिल्डर पर कार्रवाई करने का निर्णय लिया है और उस बाउंड्री को बंद करने का निर्देश दिया है।
संपदा पदाधिकारी ने बताया कि रिम्स में वर्षों से अतिक्रमण का खेल चल रहा है, लेकिन आज तक इसे हटाने की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पायी। नतीजा यह है कि कई पक्के मकान बन गए और कई ने अपना व्यापार शुरू कर दिया है। प्रशासन की मदद से अतिक्रमण हटाने में मदद ली जाएगी, इसके बाद प्रबंधन की ओर से अपनी सुरक्षा की जाएगी। |