प्रतीकात्मक चित्र
जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। प्रदेश में कर चोरी और बनावटी व्यापार के बढ़ते मामलों के बीच मुरादाबाद के सचल दल इकाई चतुर्थ की कार्रवाई में एक बड़ा घोटाला सामने आया है। ठाकुरद्वारा के पिलकपुर गुमानी गांव में जरा ट्रेडर्स के संचालक एतेहशाम अहमद इस घोटाले का मास्टर माइंड निकला। राज्य कर अधिकारी सुनील कुमार डागर ने मामले में आरोपित के खिलाफ थाना सिविल लाइंस में तहरीर देकर प्राथमिकी दर्ज कराने का अनुरोध किया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
पुलिस को दी तहरीर में बताया गया कि है कि 14 नवंबर 2025 की रात करीब डेढ़ बजे सचल दल अपनी नियमित जांच में देहरी खुर्रम, उमरी कलां के पास वाहनों की तलाशी ले रहा था। इसी दौरान गुप्त सूचना के आधार पर वाहन संख्या यूपी 20 बीटी 3251 को रोका गया। वाहन में यूकेलिप्टस लकड़ी लदी थी। चालक फरमान (निवासी बिजनौर) ने बिल, कर पर्ची और परिवहन पर्ची प्रस्तुत कीं।
दस्तावेजों में यह आपूर्ति जरा ट्रेडर्स, पिलकपुर गुमानी थाना ठाकुरद्वारा, मुरादाबाद द्वारा लक्की टिम्बर, सहारनपुर मार्ग, यमुनानगर को भेजी जा रही बताई गई थी। दस्तावेजों में लकड़ी का भार 48 हजार 200 किलो तथा घोषित मूल्य तीन लाख 12 हजार 818 रुपये दर्शाया गया था, लेकिन जांच में पता चला कि यह पूरा खेल फर्जी पहचान, बनावटी कागजात और गलत पंजीकरण पर आधारित है।
मामले की छानबीन करने पर कर विभाग की जांच में बड़ा खुलासा हु्आ। एक ही मोबाइल पर 12 फर्में संचालित हो पाई गईं। जांच में यह भी पता चला कि जरा ट्रेडर्स के पंजीकरण के लिए जिस मोबाइल नंबर 9919652821 का उपयोग किया गया, उसी नंबर से 12 अलग-अलग फर्में कर विभाग में पंजीकृत हैं।
रजिस्ट्रेशन आवेदन में एक नंबर भरा गया, जबकि आधार सत्यापन के लिए अलग-अलग नंबर प्रयुक्त किए गए। स्पष्ट है कि पूरी प्रक्रिया बनावटी तरीके से संचालित की गई। सभी पंजीकरणों के पीछे एतेहशाम अहमद का नाम और उसका मोबाइल नंबर ही मुख्य कड़ी है। सहायक आयुक्त, राज्य कर खंड-दो सीतापुर ने अपनी जांच में जरा ट्रेडर्स के व्यापार स्थल को अस्तित्वहीन पाया।
इस संबंध में उन्होंने आठ अक्टूबर 2025 के पत्र में केंद्रीय कर अधिकारियों को भी पंजीकरण निरस्तीकरण के लिए अवगत कराया है। जांच में ये तथ्य सामने आए कि बनावटी किरायानामा तैयार कराया गया है। कर पंजीकरण के लिए कुटरचित अभिलेख प्रस्तुत किए गए। बड़ी मात्रा में लकड़ी की राज्य से बाहर आपूर्ति की गई।
क्रेताओं से वसूला गया कर राज्य खजाने में जमा न करके नकली कर समायोजन के माध्यम से समायोजित किया गया। यह प्रदेश में चल रहे कर चोरी तंत्र का बड़ा उदाहरण है। तहरीर में कहा गया है कि यह पूरा जाल एतेहशाम अहमद द्वारा संचालित किया जा रहा है। उसने 12 से अधिक फर्मों के नाम उपयोग करके लकड़ी की निरंतर आपूर्ति की और कर वसूलकर सरकार को करोड़ों का नुकसान पहुंचाया।
बनावटी दस्तावेजों, गलत पते, फर्जी किरायानामे और नकली अभिलेखों का उपयोग कर यह पूरा तंत्र खड़ा किया गया। राज्य कर अधिकारी सुनील कुमार डागर ने पुलिस को दी तहरीर में कहा है कि कर चोरी, फर्जी पंजीकरण और कुटरचित दस्तावेजों के आधार पर की गई आपूर्ति के लिए एतेहशाम अहमद व उसके सहयोगियों के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता की उपयुक्त धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया जाए। एसपी सिटी कुमार रणविजय सिंह ने बताया कि तहरीर मिली है। मामले में प्राथमिकी दर्ज करके आरोपित के खिलाफ कार्रवाई होगी।
जांच के लिए यह दस्तावेज भी सौंपे गए
- जरा ट्रेडर्स के पंजीकरण हेतु कर पोर्टल पर अपलोड सभी अभिलेख
- प्रस्तुत बिल तथा परिवहन पर्ची की प्रतियां
- मोबाइल नंबर 9919652821 से पंजीकृत सभी 12 फर्मों की सूची
- सहायक आयुक्त सीतापुर का पत्र संख्या 331 आठ अक्टूबर 2025
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