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Jharkhand Cabinet: पूर्वी सिंहभूम जिले से हेमंत कैबिनेट में किसे मिलेगी जगह, रेस में कौन आगे?

deltin33 2025-11-27 01:42:46 views 795

  

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन। फोटो- फेसबुक



संवाद सहयोग, घाटशिला। घाटशिला उपचुनाव में झामुमो ने रिकॉर्ड मत से जीत दर्ज कर अपना दबदबा कायम रखा। दिवगंत मंत्री रामदास सोरेन के निधन के बाद घाटशिला में उपचुनाव हुुआ। इस उपचुनाव में झामुमो ने राजनीति के नए खिलाड़ी सोमेश चन्द्र सोरेन के कंधों पर दांव लगाया। घाटशिला की जनता ने सहानुभूति के जरिए अपार समर्थन देकर सोमेश चन्द्र सोरेन को विधायक बनाकर विधानसभा भेजा। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

अब उपचुनाव के बाद पूर्वी सिंहभूम जिले से किस विधायक को हेमंत कैबिनेट में जगह मिलेगी, इसको लेकर भी चर्चाएं व सस्पेंस तेज हो गया। मंत्री पद की रेस में बहरागोड़ा विधायक समीर मोहंती, घाटशिला के सोमेश चन्द्र सोरेन व पोटका से संजीव सरदार के नाम की चर्चा है। इन चर्चाओं में बहरागोड़ा के विधायक समीर मोहंती का नाम मंंत्री पद की रेस में सबसे आगे बताया जा रहा।

  

घाटशिला उपचुनाव की जीत में बहरागोड़ा के विधायक समीर कुमार मोहंती का अहम योगदान रहा। सीएम ने समीर को बगल के विधायक होने का एहसास दिलाकर जीत सुनिश्चित करने को कहा था। जिसके बाद समीर मोहंती ने घाटशिला सीट पर पार्टी प्रत्याशी के जीत सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

समीर मोहंती सामान्य वर्ग से आते है, इसबार घाटशिला उपचुनाव में सामान्य वर्ग का झुकाव भी झामुमो की तरफ देखने को मिला। ऐसे में समीर के नाम पर रांची में चर्चाएं होने की बातें भी सामने आ रही है।
मंत्री के जरिए बंगाल व ओडिशा जातिगत समीकरण को साध सकती पार्टी

पूर्वी सिंहभूम जिले में हेमंत कैबिनेट में घाटशिला के विधायक रामदास सोरेन को जगह मिली थी। उनके निधन के बाद मंत्री पद खाली हो गया। ऐसे में जिले में एक भी मंत्री नहीं है। पूर्वी सिंहभूम जिले में जुगसलाई, पोटका, घाटशिला व बहरागोड़ा में झामुमो का कब्जा है। ऐसे में इनके बीच किन्हीं को मंत्री पद मिल सकता।

नवनिर्वाचित विधायक सोमेश चन्द्र सोरेन पहली बार विधायक बने। उनके पास सक्रिय राजनीति का अनुभव नहीं है। ऐसे में उन्हें मंत्री पद देने से सीनियर विधायकों में नाराजगी बढ़ने की संभावना होगी। संजीव सरदार, मंगल कालिंदी व समीर मोहंती दो-दो बार विधायक निर्वाचित हो चुके। इनके पास लंबा अनुभव भी है।

इन नामों में समीर मोहंती का नाम आगे इसलिए बताया जा रहा की समीर मोहंती झारखंड व बंगाल के सीमावर्ती बहरागोड़ा विधानसभा क्षेत्र के विधायक है। आने वाले समय में बंगाल में चुनाव होंगे। ऐसे में झामुमो बंगाल में भी संगठन विस्तार का प्रयास करेगा।

समीर के मंत्री बनने से बंगाल व ओडिशा के सीमावर्ती क्षेत्रों में झामुमो की पकड़ मजबूत बन सकती है। ओड़िया व बंगभाषी होने का प्रभाव बहरागोड़ा से सटे ओडिशा व बंगाल के सीमावर्ती विधानसभा क्षेत्रों में हो सकता। मंत्री के जरिए बंगाल व ओडिशा की राजनीति में जातिगत समीकरण को पार्टी साध सकती है।

आने वाले कुछ माह में बंगाल में विधानसभा चुनाव भी होंगे। बरहाल इन तमाम चीजों पर अंतिम निर्णय हेमंत सोरेन ही लेंगे। लेकिन मंत्री मंडल में किस चेहरें को जगह मिलेगी इसको लेकर जिले में राजनीतिक माहौल गर्म है।
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