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फ्लैट खरीदार ध्यान दें! कारपेट एरिया और सुपर एरिया में होता है बड़ा अंतर; आप किसके लिए चुका रहे पैसा?

LHC0088 2025-11-27 01:41:38 views 626

  

कारपेट एरिया और सुपर बिल्ट अप एरिया के बीच अंतर



नई दिल्ली। महानगरों में फ्लैट खरीदते समय खरीदार सबसे पहले जिस कंफ्यूजन का सामना करते हैं, वह है कारपेट एरिया और सुपर बिल्ट अप एरिया के बीच अंतर (Difference Between Carpet Area & Built Up Area)।
आम तौर पर बिल्डर विज्ञापनों में बड़े-बड़े नंबर दिखाते हैं, लेकिन ज्यादातर खरीदारों को यह पता नहीं होता कि असल में उन्हें उपयोग करने के लिए कितनी जगह मिल रही है। रियल एस्टेट जानकारों का मानना है कि इन दोनों शब्दों में अंतर समझना, सही कीमत चुकाने और ठगी से बचने के लिए बेहद जरूरी है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

  
क्या होता है कारपेट एरिया

कारपेट एरिया वह जगह होती है जिसे खरीदार अपने घर के अंदर असल में इस्तेमाल कर सकता है। यह वह हिस्सा होता है जहां फर्श पर कालीन बिछाया जा सकता है - यानी बेडरूम, हॉल, किचन और बाथरूम जैसे हिस्से। इसमें दीवारों की मोटाई या कॉमन एरिया शामिल नहीं होता।
सरकारी नियमों के अनुसार, यही वह वास्तविक स्पेस है जिसकी उपयोगिता सीधी-सीधी खरीदार की रोजमर्रा की जिंदगी में होती है। विशेषज्ञ कहते हैं कि कारपेट एरिया जितना बड़ा होगा, घर उतना ही बेहतर माना जाता है, चाहे उसका सुपर एरिया कितना भी हो।
अब समझिए सुपर बिल्ट अप एरिया

सुपर बिल्ट अप एरिया या सुपर एरिया वह क्षेत्र होता है जिसमें फ्लैट के भीतर का कारपेट एरिया, दीवारों की मोटाई, और सोसाइटी के कॉमन स्पेस का हिस्सा भी जोड़ दिया जाता है। जैसे कि लिफ्ट, लॉबी, सीढ़ियां, जिम, क्लब हाउस और पार्किंग आदि।
कई बिल्डर सुपर एरिया को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाते हैं, जिससे फ्लैट बड़ा लगता है। मगर वास्तविक उपयोग की जगह काफी कम होती है। इसी वजह से रियल एस्टेट सेक्टर में पारदर्शिता को लेकर अक्सर विवाद और शिकायतें सामने आती रही हैं।
आप किसके लिए देते हैं पैसा

सबसे अहम सवाल यह है कि खरीदार आखिर किस एरिया के लिए पैसा देते हैं? इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स के मुताबिक, ज्यादातर बिल्डर कीमत सुपर एरिया के आधार पर तय करते हैं। इसका मतलब है कि ग्राहक को कॉमन एरिया का अनुपात भी खरीदना पड़ता है, भले ही वह सिर्फ साझा उपयोग में आता हो।
हालांकि RERA लागू होने के बाद कई राज्यों में यह व्यवस्था बदली है और कई प्रोजेक्ट अब कारपेट एरिया के आधार पर कीमत तय करने लगे हैं। यदि आप फ्लैट खरीदते हैं तो इस चीज पर जरूर गौर करें।

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सिर्फ एरिया के नाम पर न जाएं

फ्लैट खरीदते समय खरीदार को सिर्फ एरिया के नाम पर भरोसा नहीं करना चाहिए, बल्कि यह क्लियर लिखित दस्तावेज मांगना चाहिए कि कारपेट एरिया कितना है और सुपर एरिया में क्या-क्या जोड़ा गया है। आने वाले समय में पारदर्शिता बढ़ने के साथ कारपेट एरिया आधारित प्राइसिंग को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
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LHC0088Forum Veteran

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