deltin51
Start Free Roulette 200Rs पहली जमा राशि आपको 477 रुपये देगी मुफ़्त बोनस प्राप्त करें,क्लिकtelegram:@deltin55com

सनातन एकता का विराम: कश्मीर में धर्मध्वजा फहराने को अब दिल्ली से निकलेगी यात्रा, हिंदू राष्ट्र के लिए कान्हा की धरा से पंच प्रण का संकल्प

deltin33 2025-11-27 01:41:04 views 804

  

रामभद्राचार्य से मिलते हुए धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री।



विनीत मिश्र, जागरण, मथुरा। दस दिन तक सड़कों पर घूम-घूम कर सनातनी एकता का जयघोष करने वाली सनातन हिंदू एकता पदयात्रा का रविवार को विराम हो गया। कान्हा की धरा पर सनातनी एकता का संकल्प तो लिया ही गया, हिंदू राष्ट्र की स्थापना के लिए बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री ने पंच प्रण का संकल्प दिलाया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

यह प्रण हैं, सनातनी परिवार को जोड़ने, मतांतरण रोकने, हर गांव में मंडल का गठन कर सनातन एकता पदयात्रा निकालना, हर घर के बाहर धर्मध्वजा लहराना, तीर्थों के पास से मांस-मदिरा की दुकान हटाना। इसी मंच से धीरेंद्र शास्त्री के गुरु जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कश्मीर में धर्मध्वजा फहराने को दिल्ली से कश्मीर तक यात्रा निकालने की घोषणा की। फिर यह नारा भी गूंजा, कृष्णलला हम आएंगे मंदिर यहीं बनाएंगे।

  
मतांतरण रोकने व घर वापसी कराने का हर सनातनी को दिलाया प्रण



सात नवंबर को दिल्ली के छतरपुर स्थित कात्यायनी मंदिर निकली पदयात्रा जितना आगे बढ़ी, उतनेे ही आस्थावान जुड़ते रहे। हिंदू राष्ट्र की स्थापना, गोमाता को राष्ट्रमाता का दर्जा, यमुना शुद्धिकरण, ब्रज के प्राचीन स्वरूप दिलाना, ब्रज से मांस मदिरा की मुक्ति और श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर भव्य मंदिर के निर्माण के उद्देश्य से निकली यात्रा में हजारों-हजार यात्री जुड़ते गए। शनिवार रात जैंत के राधा गोविंद मंदिर में यात्रा ने विश्राम किया। सुबह नौ बजे यात्रा यहां से वृंदावन के लिए बढ़ी तो उत्साह कई गुणा बढ़ गया।

  
मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव भी शामिल हुए

  

जयकारों के बीच जैंत में मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव भी यात्रा में शामिल हुए। कुछ दूर साथ चले और फिर बीच सड़क धीरेंद्र शास्त्री के साथ जमीन पर बैठ स्वलपाहार किया। सीएम का यह अंदाज भी खूब भाया। यहां से सीएम अनुमति लेकर वापस हो गए। यात्रा आगे बढ़ी और छटीकरा के द्वार पर पहुंची। बांके की नगरी पहुंचे तो धीरेंद्र शास्त्री की आंखों में आंसू बहने लगे। दंडवत की और ब्रज की रज को तन पर ऐसे लगाया, जैसे उन्हें आज सबकुछ मिल गया। यह भावुक पल था, बहुतेरी आंखें गीली हो गईं। चार धाम परिसर के पास पांच एकड़ में बना पंडाल खचाखच भरा था।

  
रामभद्राचार्य के चरणाें में बैठ गए धीरेंद्र शास्त्री

  

यात्रा लेकर धीरेंद्र शास्त्री पहुंचे तो फिर जयकारे गूंजे। यह उनका अंदाज था, अपने गुरु रामभद्राचार्य को स्वागत किया और उनके चरणों में बैठ गए। रामभद्राचार्य ने यात्रा की प्रशंसा की और कहा कि अगली यात्रा कश्मीर में धर्मध्वजा फहराने को दिल्ली से कश्मीर तक निकलेगी, पूरी यात्रा में मैं भी रहूंगा।

हिंदू राष्ट्र और सनातनी एकता को जरूरी बताया। फिर बारी आई धीरेंद्र शास्त्री की। बेहद अल्हड़ अंदाज में अपनी बात कहने वाले शास्त्री की आंखें यात्रा की सफलता और यात्रियों का समर्पण देख भर आईं। गला रुंध गया,हाथ जोड़े और सबका आभार जताया। किसी को कष्ट हुआ, तो माफी मांगी। फिर बोले, हिंदू एक हुए तो देश में दंगा नहीं, गंगा बहेगी। हम थके नहीं, बस सोच रहे हैं आगे क्या करना है। पदयात्रा का संकल्प इतना था कि हिंदुओं की आने वाली पीढ़ियां बचेंगी, संतति, संपत्ति, बेटियां और रोटियां बचेंगी।

  
यह हैं पंच प्रण

  • जुड़ो जोड़ो : हर परिवार पांच परिवारों को कट्टर सनातनी बनाए।
  • भगवा अभियान : यहां से धर्मध्वजा लेकर घर के बाहर लगाए, सबको बताए यह सनातन की ताकत है।
  • साधु-संतों का कमंडल, बागेश्वर धाम का मंडल। जब-जब देश के हिंदुओं पर संकट आएगा, यह आगे आएगा। गांवों में मंडल का गठन, मंदिरों का जीर्णोद्धार, मतांतरण रोकना, हर माह एकता यात्रा निकालना ।
  • घर वापसी अभियान-मतांतरण रोकना, जो मतांतरित हुए उन्हें वापस घर लाएं।
  • मांस मदिरा पर प्रतिबंध :देश में अपने नजदीकी तीर्थों के पास से मांस-मदिरा की दुकान हटाएं।


  
चालीसा पाठ हुआ नारा लगवाया

  

हनुमान चालीसा का पाठ हुआ और नारा लगवाया। फिर नारा लगाया, कृष्ण लला हम आएंगे मंदिर यहीं बनाएंगे। वहां भी हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे। कहा, यह पदयात्रा थी तन की थी, अब मन की होगी। यह तब होगी, जब पांच प्रण घर लेकर जाएंगे। अगली यात्रा अनुकूल समय, परिस्थिति देखकर निकालेंगे। जहां अवैध मतांतरण हो रहा, उस तरफ यात्रा जाएगी। यह भी रहे फिल्म अभिनेता गोविंद नामदेव, गीता मनीषी ज्ञानानंद, देवकी नंदर ठाकुर, हनुमान गढ़ी के महंत राजू दास आदि ने भी संबोधन किया। कार्यक्रम के बाद धीरेंद्र शास्त्री ठाकुर बांकेबिहारी को धर्मध्वजा अर्पित करने निकले तो हजारों की भीड़ सड़कों पर फिर आ गई।
like (0)
deltin33administrator

Post a reply

loginto write comments
deltin33

He hasn't introduced himself yet.

610K

Threads

0

Posts

1810K

Credits

administrator

Credits
180221