पेट्रोल पंप पर धोखाधड़ी से बचने के लिए क्या करें
नई दिल्ली। पेट्रोल पंप (Petrol Pump) पर आपके साथ कई तरह से फ्रॉड हो सकता है। इनमें सबसे कॉमन है “जंप ट्रिक“। ये एक ओवरचार्जिंग स्कैम होता है, जिसमें मीटर में हेरफेर किया जाता है। वहीं सेकंडरी POS मशीन के जरिए भी अलग-अलग फ्रॉड चार्ज किए जाते हैं।
इनसे बचने के लिए, हमेशा सुनिश्चित करें कि मीटर जीरो से शुरू हो, पंप के डिजिटल डिस्प्ले को ध्यान से देखें, रसीद लें, और कार्ड-स्किमिंग डिवाइस से सावधान रहें। अगर शक हो, तो कैलिब्रेटेड कंटेनर से क्वांटिटी चेक करने पर जोर दें या MoPNG ई-सेवा जैसे ऑफिशियल चैनल पर शिकायत करें।
पर कुछ फ्रॉड ट्रिक ऐसी हैं, जिन पर फोकस करना जरूरी है, क्योंकि उनमें ज्यादा कंफ्यूजन है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
डेंसिटी मीटर
पेट्रोल पंप पर धोखाधड़ी से बचने के लिए डेंसिटी मीटर पर नजर रखें। आम तौर पर इस मीटर पर ग्राहक ध्यान नहीं देते। न ही कर्मचारी आपसे उस मीटर पर नजर डालने को कहते। दरअसल डेंसिटी मीटर गाड़ी में डाले जाने वाले पेट्रोल या डीजल की प्योरिटी का पैमाना होता है।
इससे फ्यूल की शुद्धता का पता लगता है। ये मिलावट या कम शुद्ध फ्यूल के बारे में बताता है। पैसों के साथ-साथ इससे आपकी गाड़ी के इंजन को भी नुकसान पहुंचता है।
ऐसे चेक करें डेंसिटी
पेट्रोल की डेंसिटी 730 से 800 किलोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर और डीजल की डेंसिटी 830 से 900 किलोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर के बीच होनी चाहिए। अगर डेंसिटी इस रेंज से बाहर है तो समझ लीजिए कि गड़बड़ है।
जीरो से मीटर 10 पर न जाए
डेंसिटी के अलावा मीटर में आने वाला जम्प भी ध्यान देने वाली चीज है। केवल जीरो न देखें, बल्कि ये देखें कि जीरो के बाद क्या नंबर आता है। अगर मीटर जीरो से शुरू होकर 3-4 जैसे छोटे नंबर के बजाय सीधा 10 या इससे अधिक पर पहुंच जाए, तो अलर्ट हो जाएं। इससे मीटर में गड़बड़ी का संकेत मिलता है।
ये भी पढ़ें - अगर तोड़ा कानून, तो नहीं मिल पाएगा Loan! बैंक ला रहे सख्त नियम; चेक होगा आपका क्रिमिनल रिकॉर्ड |