कांग्रेस ने लद्दाख हिंसा की घटना को लेकर जांच की मांग की (फोटो: जागरण)
राज्य ब्यूरो, जम्मू। प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने लद्दाख में हुई हिंसक घटना और हालात को गलत तरीके से स्थिति का सामना करने को लेकर वहां की जनता द्वारा की गई उच्च स्तरीय न्यायिक जांच की मांग का पूर्ण समर्थन किया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
पार्टी के कार्यवाहक प्रधान रमण भल्ला ने केंद्र सरकार और लद्दाख प्रशासन पर इस पूरे मामले में गंभीर लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए कहा कि इसने पूरे लद्दाख क्षेत्र में भारी असंतोष और आक्रोश को जन्म दिया है। उन्होंने कहा कि अपेक्स बॉडी और केडीए दोनों ने इस जांच की मांग की है जिसे केंद्र को तुरंत स्वीकार करना चाहिए।
भल्ला ने कहा कि लद्दाख, जो देश की सुरक्षा की दृष्टि से अत्यंत रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्र है, को भाजपा सरकार ने अपनी गलत नीतियों के कारण अस्थिरता की ओर धकेल दिया है। उन्होंने याद दिलाया कि केंद्र सरकार और भाजपा ने लद्दाख को 6 वीं अनुसूची का दर्जा देने का वादा किया था, जैसे जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा देने की बात की गई थी, लेकिन यह सब झूठे वादे निकले।badaun-general,Badaun news,Shivling discovery,Mirzapur Mohsanpur,Field excavation,Religious fervor,Villagers excitement,Dream revelation,Uttar Pradesh news,Hindu deities,Spiritual awakening,Uttar Pradesh news
अब समय आ गया है कि केंद्र इन दोनों केंद्रशासित प्रदेशों की जनता के साथ न्याय करे और उनके जायज अधिकारों को दे। लद्दाख के उपराज्यपाल द्वारा हाल ही में दिए गए बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए भल्ला ने कहा कि नेपालियों और डोडा के निवासियों को लेकर की गई कथित टिप्पणी बेहद गैर-जिम्मेदाराना और आपत्तिजनक है।
उन्होंने कहा कि अगर किसी व्यक्ति की भूमिका हिंसा में पाई जाती है, तो कार्रवाई की जाए, लेकिन पूरे समुदाय या क्षेत्र को दोषी ठहराना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि नेपाल और भारत के बीच सदियों पुराने मित्रवत संबंध हैं।
गोरखा समुदाय अपनी ईमानदारी, वफादारी और बहादुरी के लिए जाना जाता है और भारतीय सेना में भी उन्होंने देश के लिए बलिदान दिए हैं। लाखों नेपाली भारत में और लाखों भारतीय नेपाल में काम करते हैं और आपसी सौहार्द का उदाहरण प्रस्तुत करते हैं। ऐसी स्थिति में एलजी द्वारा की गई टिप्पणी से गलत संदेश जाता है।
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