कैलेंडर वर्ष 2026 के अंत तक निफ्टी-50 29,000 के स्तर को छू सकता है।
नई दिल्ली। भारतीय शेयर बाजार अगले एक साल में और मजबूत तेजी के लिए तैयार है। एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज (Emkay Global Financial Services) ने अपनी नए इंडिया स्ट्रैटेजी रिपोर्ट में अनुमान जताया है कि निफ्टी-50 कैलेंडर वर्ष 2026 के अंत तक 29,000 के स्तर को छू सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि बीच-बीच में थोड़ी अस्थिरता आने के बावजूद वैल्यूएशन ऊंचे स्तर पर बने रहने की संभावना है। अभी निफ्टी 50 का लेवल 25,898 पर है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
एमके ग्लोबल के CEO इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज, नीरव शेठ ने कहा, \“\“नरम ब्याज दरें, उपभोग में सुधार और स्थिर नीतिगत दिशा का संयोग देश के कई-साल के डेवलपमेंट साइकिल के लिए मजबूत आधार बना रहा है, जिससे 2026 तक निफ्टी में अच्छी-खासी बढ़ोतरी की गुंजाइश बनती है।\“\“
ब्रोकरेज का यह अनुमान खास तौर रूप से वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी छमाही से शुरू होने वाली व्यापक उपभोग बहाली की उम्मीद पर टिका है। जीएसटी 2.0 से जुड़ी कीमतों में कटौती, आयकर राहत और रोजगार के बेहतर रुझान इस बहाली को गति देंगे।
जीएसटी 2.0 से सस्ते होंगे सामान, मांग में तेजी आएगी
रिपोर्ट में कहा गया है कि ऑटो, ड्यूरेबल्स और अन्य डिस्क्रेशनरी सेगमेंट में जीएसटी सुधार से कीमतें कम होने से किफायतीपन बढ़ेगा और मांग को जबरदस्त बल मिलेगा। मांग में यह सुधार तथा नौकरियों में चक्रीय तेजी को मिलाकर डिस्क्रेशनरी उपभोग 2026 का सबसे मजबूत निवेश थीम बनकर उभरेगा।
आरबीआई की तरलता और दर कटौती बड़ा सहारा
ब्याज दरों में नरमी इस सकारात्मक दृष्टिकोण का एक प्रमुख स्तंभ है। एमके ने बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक की आक्रामक तरलता आपूर्ति और हालिया रेपो दर कटौती से कर्ज महंगा होने की रफ्तार कम होगी तथा रिटेल लोन फिर से रफ्तार पकड़ेगा। रिटेल क्रेडिट में तेजी के शुरुआती संकेत दिख रहे हैं, वहीं गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियां (NBFC) बैंकिंग सेक्टर से आगे निकलकर मांग को कैप्चर कर रही हैं।
हालांकि, बड़े वित्तीय संस्थानों पर फर्म सतर्क है। संरचनात्मक विकास चुनौतियां, मार्जिन दबाव और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से बढ़ती प्रतिस्पर्धा के कारण बड़े बैंकों को लेकर सावधानी बरती जा रही है।
कैपेक्स साइकिल मिली-जुली, सरकारी खर्च दे रहा सहारा
रिपोर्ट में कहा गया है कि निजी क्षेत्र का पूंजीगत व्यय केवल मामूली ही बढ़ेगा, लेकिन रेलवे, बिजली, रक्षा और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में सरकारी खर्च मजबूत आधार प्रदान कर रहा है। भारत-अमेरिका व्यापार समझौता (हालांकि इसकी कोई निश्चित समय-सीमा नहीं है) मुद्रा दबाव कम करने और बाहरी स्थिरता बढ़ाने वाला बड़ा मैक्रो उत्प्रेरक बन सकता है।
घरेलू निवेश मजबूत, विदेशी निवेशक बिकवाल
बाजार प्रवाह के मोर्चे पर एमके ने बताया कि इस साल विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPI) शुद्ध बिकवाल बने हुए हैं, लेकिन घरेलू म्यूचुअल फंडों का इक्विटी आवंटन मजबूत बना हुआ है। प्राथमिक बाजार भी सक्रिय है और ऊंचे वैल्यूएशन पर भी नए इश्यू की मजबूत पाइपलाइन दिख रही है, जो निवेशकों की भूख को बताता है।
फर्म का मानना है कि अस्थिरता के माहौल में बड़े लार्ज-कैप स्थिरता देंगे, लेकिन अल्फा जनरेशन के लिए स्मॉल और मिड-कैप सेगमेंट ज्यादा बेहतर स्थिति में हैं। स्मॉल-मिडकैप के वैल्यूएशन ऊंचे जरूर दिखते हैं क्योंकि इनमें तेजी से बढ़ते सेक्टरों की हिस्सेदारी ज्यादा है, जबकि निफ्टी में वित्तीय और ऊर्जा जैसे कम पी/ई वाले सेक्टरों का वेट ज्यादा है।
एमके ग्लोबल के हेड ऑफ रिसर्च एवं सेशाद्रि सेन ने कहा, \“\“पहली नजर में स्मॉल-मिडकैप वैल्यूएशन महंगे लग सकते हैं, लेकिन सेक्टर संरचना में भारी अंतर को देखते हुए ये जायज हैं।\“\“
किन सेक्टर के स्टॉक में लगाएं पैसा?
ओवरवेट वाले सेक्टर: डिस्क्रेशनरी, इंडस्ट्रियल्स, हेल्थकेयर, मटेरियल्स (डिस्क्रेशनरी सबसे टॉप पिक)
अंडरवेट वाले सेक्टर: फाइनेंशियल्स, आईटी, स्टेपल्स, टेलीकॉम
बड़े बैंक लगातार डि-रेटिंग का शिकार हो सकते हैं, वहीं आईटी में मजबूत साइक्लिक रिकवरी 2026 में ही तब दिखेगी जब वैश्विक टेक्नोलॉजी खर्च सामान्य हो जाएगा।
अंत में, Emkay Global का कहना है कि हालांकि भारतीय बाजार लंबी अवधि के औसत से ऊपर वैल्यूएशन पर कारोबार कर रहे हैं, लेकिन निरंतर आय वृद्धि और सहित नरम ब्याज दरें, बढ़ता उपभोग और नीतिगत स्थिरता भारत के अगले विकास चरण के लिए मजबूत आधार प्रदान करते हैं। यही कारण है कि 29,000 का निफ्टी लक्ष्य उचित और प्राप्त करने योग्य दिखता है।
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“शेयर से जुड़े अपने सवाल आप हमें business@jagrannewmedia.com पर भेज सकते हैं।“
(डिस्क्लेमर: यहां शेयरों को लेकर दी गई जानकारी निवेश की राय नहीं है। चूंकि, स्टॉक मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है इसलिए निवेश करने से पहले किसी सर्टिफाइड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर से परामर्श जरूर करें।) |