जागरण संवाददाता, मेरठ। परिस्थितियों के सामने झुक कर हार मानना और बढ़ती उम्र में खुद को बुजुर्ग समझ लेना एक ऐसी मानसिक स्थिति है जो मन को कमजोर कर देती है। यही मन: स्थिति जब पलटती है तब उम्र को धताकर बताकर उम्रदराज भी आयरनमैन बन जाते हैं। ऐसे ही मजबूत मन के 57 वर्षीय कौशल कुमार यादव आयरनमैन 70.3 गोवा में सफर पूरा कर आयरनमैन का खिताब अपने नाम कर लिया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
विशेष बात यह है कि 31 देशों के करीब 1,300 प्रतिभागियों में कौशल कुमार 513वें स्थान पर रहे। साथ ही अपने आयु वर्ग 55 से 59 वर्ष में 14वें स्थान पर रहे। इसमें 70.3 का तात्पर्य मील से है जो 113 किलोमीटर बैठता है। भारतीय सेना के मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस में सीई भोपाल जोन में निदेशक के तौर पर कार्यरत कौशल कुमार यादव ऐसा करने वाले पहले मेरठ के एमईएस सिविलियन अधिकारी बने हैं।
मानसरोवर के रहने वाले वर्ष 2000 यूपीएससी बैच के ग्रुप “ए“ अधिकारी और सैन्य अभियंता सेवा (एमईएस) में निदेशक कौशल कुमार यादव आयरनमैन स्पर्धा पूरी करने वाले निदेशक रैंक पर देश के पहले एमईएस सिविलियन अधिकारी भी बन गए हैं। यह ट्रायथलान था जिसमें प्रतिभागियों को 1.9 किमी समुद्र में तैरना, 90 किमी साइकिल चलाना और 21.1 किमी यानी हाफ मैराथन की दौड़ शामिल थी। इस पूरे सफर को उन्होंने सात घंटे 45 मिनट और पांच सेकेंड में पूरा किया।
कौशल कुमार ने 51.12 मिनट में 1.9 किमी समुद्री सफर, 3:36.38 घंटे में 90 किमी साइकिल चलाते हुए 3:00:15 सेकेंड में 21.1 किमी दौड़ पूरी की। कौशल यादव ने वर्ष 2008 में अपनी दौड़ की यात्रा शुरू की और पिछले कुछ वर्षों में फिटनेस को लेकर उनकी प्रतिबद्धता और भी मजबूत हुई है। उन्होंने भोपाल के ट्राईजी एथलीट्स के कोच जमरान के मार्गदर्शन में ट्रायथलान की तैयारी कर इसे पूरा किया। मिलिट्री इंजीनियरिंग सेवाओं से पांच लोगों ने इस आयरनमैन स्पर्धा में हिस्सा लिया और पांचों ने अपना सफर पूरा किया।
एमईएस ने अपनी वेबसाइट पर पांचों आयरनमैन की तस्वीरों के साथ उनकी उपलब्धियों को साझा करते हुए शुभकामनाएं दी हैं। कौशल यादव की यह उपलब्धि समर्पण और दृढ़ता का एक सशक्त उदाहरण है, जो यह साबित करती है कि जब दृढ़ संकल्प अटल हो, तो उम्र कोई बाधा नहीं होती। |