क्या डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण पर जारी की गई है अधिसूचना: हाई कोर्ट
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। Digital Personal Data Protection (DPDP) Act-2023 को लागू करने के बिंदु पर दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा है।
मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय व न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने केंद्र सरकार को यह बताने के लिए कहा है कि क्या इस संबंध में अधिसूचना जारी की गई है।
अदालत ने केंद्र सरकार की तरफ से पेश वकील को पता करने का निर्देश दिया कि क्या इस अधिनियम की धारा-एक की उपधारा (दो) के अंतर्गत कोई अधिसूचना जारी की गई है।
इसके साथ ही यह भी पता करने को कहा कि क्या ऐसी कोई अधिसूचना विचाराधीन है। मामले पर अगली सुनवाई 12 नवंबर को होगी। यह एक्ट व्यक्तियों के निजता के अधिकार और वैध उद्देश्यों के लिए उनके व्यक्तिगत डेटा की रक्षा करता है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
11 अगस्त 2023 को राष्ट्रपति की स्वीकृति मिलने के बावजूद अधिनियम को अभी तक अधिसूचित नहीं किया गया है। याचिकाकर्ता ने केंद्र सरकार को इसे अधिसूचित करने का निर्देश देने की मांग की।
याचिका में दावा किया गया है कि डीपीडीपी अधिनियम के कार्यान्वयन के बिना व्यक्ति की उचित सहमति के बगैर लोगों के व्यक्तिगत डेटा से समझौता किया जा रहा है।rajouri-state,start black tapping road,start black tapping road,Chaktwela Kangri road,Jammu Kashmir road development,rural road construction,Surinder Choudhary,public works department,road infrastructure,village connectivity,economic development,healthcare access,Jammu and Kashmir news
डीपीडीपी अधिनियम के अनुसार व्यक्तिगत डेटा को केवल सहमति लेने के बाद और कुछ वैध उपयोगों के लिए ही साझा किया जा सकता है।
याचिका के अनुसार अधिनियम की धारा एक (दो) के अनुसार केंद्र सरकार की ओर से अधिसूचना जारी करने के बाद यह लागू होगा।
इसमें आगे यह भी है कि इस अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के लागू होने के लिए अलग-अलग तिथियां निर्धारित की जा सकती हैं।
याचिकाकर्ता ने अदालत को सूचित किया गया कि अभी तक ऐसी कोई अधिसूचना जारी नहीं की गई है।इस कानून के तहत केंद्र सरकार द्वारा भारतीय डेटा संरक्षण बोर्ड की स्थापना की आवश्यकता है।
बोर्ड अनुपालन की निगरानी करेगा और दंड लगाएगा। इसके साथ ही डेटा उल्लंघन की स्थिति में आवश्यक उपाय करने का निर्देश देगा और प्रभावित व्यक्तियों की शिकायतों की सुनवाई करेगा।
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