2008 में दिल्ली में हुए सिलसिलेवार धमाकों में इस यूनिवर्सिटी का नाम आया था।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। लाल किला के बाहर हुए आतंकी धमाके की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, जांच एजेंसियों को नई-नई चौकानें वाली जानकारियां मिल रही हैं। 10 नवंबर को हुए धमाकों को पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े फरीदाबाद-सहारनपुर के जिस डॉक्टर माड्यूल ने अंजाम दिया, उनमें कई फरीदाबाद स्थित अल फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े थे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
अब यह जानकारी सामने आई है कि साल 2008 में दिल्ली में हुए सिलसिलेवार धमाकों में इस यूनिवर्सिटी का नाम आया था। दरअसल इन धमाकों में शामिल एक आतंकी मिर्जा शादाब बेग अल फलाह यूनिवर्सिटी का ही छात्र था। उसने इसी के इंजीनियरिंग कालेज से पढ़ाई की थी। तब धमाकों में करीब 30 लोगों की मौत हुई थी। शादाब बेग का नाम अहमदाबाद में भी उसी वर्ष हुए धमाकों में भी आया था।
वह इंडियन मुजाहिद्दीन का सक्रिय आतंकी था, जो धमाकों के बाद पाकिस्तान भाग गया था। मिर्जा शादाब बेग के अल फलाह यूनिवर्सिटी के छात्र होने की जानकारी मिलने से यह साफ हो गया कि यह यूनिवर्सिटी पिछले 17 साल से अधिक समय से पढ़ाई से हटकर आतंकी तैयार कर रहा था।
जानकारी के मुताबिक मिर्जा शादाब बेग आजमगढ़ के बारीडी गांव का रहने वाला था। आजमगढ़ में अपने गांव के स्कूल में नौवीं कक्षा में फेल हो जाने के बाद आजमगढ़ रेलवे स्टेशन के पास स्थित चिल्ड्रन स्कूल से 12वीं कक्षा तक पढ़ाई की थी और उसके बाद अल फलाह यूनिवर्सिटी में इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए दाखिला ले लिया था। इंजीनियरिंग में दाखिला लेने के बाद वह इंडियन मुजाहिद्दीन आतंकी संगठन से जुड़ गया था।
2007 तक उसने यहां पढ़ाई की थी। दिल्ली सहित देशभर में कई आतंकी वारदात को अंजाम देने के बाद वह पाकिस्तान भागने में कामयाब हो गया। तब से अबतक उसके पाकिस्तान में ही होने की बात कही जा रही है। एनआइए को मिर्जा शादाब बेग के अल फलाह यूनिवर्सिटी का एक पहचान पत्र मिला है। बता दें कि लाल किले पर हुए धमाके में अब तक 15 लोगों की मौत हो चुकी है। 27 से अधिक लोग घायल भी हुए थे।
कालिंदी कुंज में भी है यूनिवर्सिटी की जमीन
उधर जांच में कालिंदी कुंज थाने के पास राजनगर में चारदीवारी से घिरी चार एकड़ जमीन का पता चला है, जो अल फलाह यूनिवर्सिटी की सीक्रेट पार्किंग बताई जा रही है। इसके गेट पर पहले अल-फलाह यूनिवर्सिटी, फरीदाबाद लिखा था, जिसे ब्लास्ट के बाद पेंट कर ढक दिया गया। 18 नवंबर को ईडी ने यूनिवर्सिटी के चेयरमैन जवाद अहमद सिद्दीकी को मनी लांड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया है। उसपर फर्जी मान्यता लेने और करीब 415 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप है।
जांच में पता चला कि जवाद अहमद के नाम पर नौ फर्जी कंपनियां भी बनी थीं। इन कंपनियों के पते खोजते हुए टीम जब जेजे कालोनी, कालिंदी कुंज पहुंची तो उस पते पर तरबिया एजुकेशन फाउंडेशन पाया गया। बताया जाता है कि वहां यूनिवर्सिटी की गाड़ियां आती जाती थीं। वहां के केयरटेकर ने बताया कि वह जगह तरबिया एजुकेशन फाउंडेशन के नाम से रजिस्टर्ड है जो जवाद अहमद सिद्दीकी का फाउंडेशन है। |