गुरुग्राम में ठगों ने चार लोंगों से की लाखों की धोखाधड़ी।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। साइबर ठगों ने अलग-अलग तरीकों से गुरुग्राम में रहने वाली महिला समेत चार लोगों से साढ़े छह लाख रुपए की धोखाधड़ी कर ली। पीड़ितों की शिकायत पर गुरुग्राम साइबर पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
साइबर ठगों ने सामान बेचने के नाम पर गुरुग्राम में रहने वाले एक व्यक्ति से एक लाख 16 हजार रुपए की ठगी कर ली। मानेसर के अलीयर गांव के रहने वाले विनोद कुमार ने शिकायत में कहा कि वह अपना निजी काम करते हैं। बीते दिनों उनके वाट्सएप पर एक मैसेज आया। जिससे मैसेज आया था, उस पर उनके दोस्त का फोटो लगा हुआ था। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इससे उन्हें भरोसा हो गया। मैसेज में लिखा था कि उनके एक दोस्त का कश्मीर ट्रांसफर हो गया है और वह अपना घरेलू फर्नीचर बेचना चाहता है। उसने एक नंबर भी दिया। थोड़ी देर बाद उस नंबर से विनोद के पास फोन आया और सामान घर पहुंचाने के बदले 85 हजार रुपए मांगे। इसके साथ ही क्यूआर कोड भेजा।
दोबारा पैसे मांगने पर हुआ एहसास
झांसे में आकर विनोद ने पहले 85 हजार रुपए भेज दिए। फिर ट्रांसपोर्ट के नाम पर रुपए ट्रांसफर कराए गए। कुल एक लाख 16 हजार रुपए जाने के बाद भी जब दोबारा पैसों की डिमांड की गई तो विनोद को धोखाधड़ी का अहसास हुआ।
वहीं सेक्टर 69 वंशिका अपार्टमेंट में रहने वाली मिनी खन्ना ने साइबर थाना दक्षिण में धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने कहा कि शादी डाट काम पर प्रोफाइल बनाई थी। एक रिक्वेस्ट आई। युवक ने अपना नाम पारस बताया था। दोनों में बातें होने लगीं। 12 नवंबर को युवक ने पैसों की जरूरत की बात कही। मिनी ने उसके गूगल पे पर साढ़े 14 हजार रुपए भेज दिए।
जब मिनी ने अगले दिन रुपए वापस मांगे तो युवक ने कुछ दिन बाद देने की बात कही। 14 नवंबर को जब मिनी ने फोन किया तो युवक ने उनका नंबर ब्लाक कर दिया था। इस पर धोखाधड़ी का अहसास हुआ। दूसरी ओर साइबर थाना दक्षिण पुलिस को दी शिकायत में रीटा गोयल कहा कि वह मूल रूप से बठिंडा की रहने वाली हैं।
इन दिनों वह अपने बेटे के साथ सेक्टर 69 ट्यूलिप वायलेट में ठहरी हुई हैं। 13 नवंबर को उनके पति के मोबाइल फोन पर काल आई। काल करने वाले ने उनके पति के पेंशन के बारे में बातचीत की और जानकारी मांगी। इसके बाद उनके और उनके पति के अकाउंट से चार लाख 65 हजार रुपए की निकासी कर ली गई। दोनों के अकाउंट उनके पति के फोन नंबर से लिंक्ड थे।
मेडिकल इमरजेंसी के नाम पर मांगे पैसे
वहीं नरपत यादव ने मानेसर साइबर थाने में दर्ज कराई शिकायत में कहा कि बीते दिनों उन्हें अंजान नंबर से फोन आया। फोन करने वाले ने अपने आप को उनका दोस्त बताया। साथ ही कहा कि उसे मेडिकल इमरजेंसी है। उसने गलती से उनके फोन पर रुपए भेज दिए हैं।
नरपत के मोबाइल में टेक्सट मैसेज भी आए थे। इसके भरोसे में उन्होंने कई बार में 56 हजार रुपए ट्रांसफर कर दिए। जब उन्होंने बैलेंस चेक किया तो धोखाधड़ी का पता चला। |