श्री आनंदपुर साहिब में धार्मिक तस्वीर के प्रस्तुतिकरण पर श्री अकाल तख्त साहिब ने जताया ऐतराज (फोटो: जागरण)
जागरण संवाददाता, अमृतसर। श्री आनंदपुर साहिब स्थित भाई जीवन सिंह (भाई जैता जी) स्मारक में लगी तस्वीर पर धार्मिक पटल पर विवाद खड़ा हो गया है।
श्री अकाल तख्त साहिब के कार्यकारी जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज ने पंजाब के पर्यटन एवं सांस्कृतिक मामलों के मंत्री तरुणप्रीत सिंह सोंद और विभाग के निदेशक से एक सप्ताह के भीतर स्पष्ट स्पष्टीकरण मांगा है। जत्थेदार ने आदेश दिया है कि मंत्री स्वयं श्री अकाल तख्त साहिब सचिवालय पहुंचकर अपना पक्ष रखें, जबकि विभाग के निदेशक लिखित रूप में जवाब भेजेंगे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
स्मारक में लगे चित्रों को लेकर आरोप है कि सिख सिद्धांतों, मर्यादा और परंपराओं के विरुद्ध प्रस्तुति की गई है। खासतौर पर उस चित्र पर ऐतराज जताया गया है जिसमें दशम पिता गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज को पांच प्यारों को अमृत पान करवाते हुए दिखाया गया है।
जत्थेदार के अनुसार चित्र में गुरु साहिब को जोड़े पहने दर्शाया गया है, जो सिख मर्यादा के अनुरूप नहीं है। इतना ही नहीं, अमृत छक रहे सिंह को बीर आसन में न दिखाया जाना भी धार्मिक मर्यादा के विपरीत बताया गया है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि अमृत संचार की ऐतिहासिकता और परंपरा के अनुसार अमृत का बाटा, खंडा और समूचा वातावरण विशेष मर्यादा में होता है, लेकिन स्मारक में प्रदर्शित चित्र में इन प्रतीकों की दिखावट परंपरागत रिवायत से मेल नहीं खाती। इसके अलावा चित्र में बनी दो पालकी और निशान साहिब की भी धार्मिक साख पर प्रश्नचिह्न लगाया गया है, क्योंकि इनकी प्रस्तुति सिख परंपरा के अनुरूप नहीं मानी गई।
जत्थेदार ने पत्र में कहा है कि सिख मर्यादा के खिलाफ इस तरह की प्रस्तुति किसकी अनुमति से की गई और इसे अंतिम रूप देने में किन-किन लोगों की शमूलियत रही। अकाल तख्त ने इसे गंभीर मामला मानते हुए स्पष्ट किया कि धार्मिक भावनाओं से जुड़े किसी भी चित्रण में गलती की कोई गुंजाइश नहीं हो सकती।
धार्मिक संगठनों द्वारा पहले भी इस तस्वीर पर आपत्ति जताई गई थी। अब अकाल तख्त द्वारा स्पष्टीकरण मांगे जाने के बाद विभाग पर दबाव बढ़ गया है कि वह बताए कि यह प्रस्तुति किस आधार पर और किसकी देखरेख में तैयार की गई। |