राज्य ब्यूरो, देहरादून। उत्तराखंड में राशन की दुकानों पर मिलने वाले आयोडाइज्ड नमक में मिलावट को लेकर चल रहे विवाद के बीच रुद्रपुर लैब की जांच रिपोर्ट आ गई है। रिपोर्ट ने आयोडाइज्ड नमक में रेत की तरह सूक्ष्म अघुलनशील तत्वों की मिलावट का पर्दाफाश किया है। रिपोर्ट आने के बाद खाद्य आयुक्त रणवीर सिंह चौहान ने प्रदेश के सभी जिलों में आयोडाइज्ड नमक के उठान पर रोक लगा दी है। उधर राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ लिमिटेड (एनसीसीएफ) को नोटिस भेज दिया गया है। उठान पर लगी रोक से प्रदेश में 1400 मीट्रिक टन आयोडाइज्ड नमक जो प्रतिमाह वितरित किया जाता था, फिलहाल नहीं बांटा जाएगा। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
नमक पोषण योजना के तहत प्रदेश में नमक का वितरण किया जा रहा है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के राशन कार्ड धारकों को प्रत्येक माह एक किलोग्राम आयोडीन युक्त नमक आठ रुपये में वितरित किया जाता है। इस नमक का वितरण केंद्र सरकार की ओर से नामित संस्था भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ लिमिटेड (एनसीसीएफ) की ओर से होता है।
कब सामने आया मामला?
नमक में मिलावट का मामला सितंबर में सामने आया। तब राशन कार्डधारकों ने आरोप लगाया कि आयोडीन युक्त नमक में रेत की मिलावट हो रही है। राज्य सरकार ने तभी स्थिति साफ कर कहा था कि निर्माता के कारखाने का दौरा किया जाएगा और नियमित अंतराल पर नमूनों की प्रयोगशाला में जांच कराई जाएगी। रेत मिश्रित नमक की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए शासन ने तत्काल नमूनों की जांच कराई। नमक के नमूने रुद्रपुर स्थित राज्य खाद्य एवं औषधि परीक्षण प्रयोगशाला को भेजे गए थे।
पहले लाट की जांच में मिलावट का पर्दाफाश नहीं किया जा सका, दूसरे लाट की जांच में मिलावट पकड़ में आई। रिपोर्ट के अनुसार जांच में पाया गया कि नमक में अघुलनशील तत्व मिला था। खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग की ओर से निर्माता को नोटिस भेजा गया है। इसके साथ ही जुर्माना भी लगाया जाएगा। खाद्य आयुक्त रणवीर सिंह चौहान ने बताया कि नमक के उठान पर रोक लगा दी गई है। |