सिलेंडर के सहारे चल रहा मातृ-शिशु अस्पताल। सांकेतिक तस्वीर
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। मातृ-शिशु अस्पताल में स्थापित ऑक्सीजन प्लांट पिछले डेढ़ साल से बंद पड़ा है। इसके ठप होने से अस्पताल में मरीजों के इलाज के लिए सिलेंडरों पर निर्भर रहना पड़ रहा है। इससे विभाग को हर माह करीब 60 हजार रुपये खर्च करने पड़ते हैं। साथ ही सिलेंडर खत्म होने का संकट भी लगातार बना रहता है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
जानकारी के अनुसार, 31 मार्च 2021 को तैनात प्लांट आपरेटर की संविदा समाप्त होने के बाद अब तक दूसरा कोई नहीं मिल सका है। मातृ-शिशु सदन परिसर में 600 व 300 एलपीएम क्षमता वाले दो आक्सीजन प्लांट स्थापित किए गए थे।
मार्च 2023 में प्लांट का संचालन कर रहे तकनीशियन का अनुबंध समाप्त होने के बाद इसका नवीकरण नहीं हुआ। इसके बाद प्लांट पूरी तरह बंद हो गया। इस वर्ष एक आउटसोर्सिंग कंपनी को संचालन की जिम्मेदारी दी गई, लेकिन उसने अब तक प्लांट नहीं चलाया है।
इस बीच माडल अस्पताल भी शुरू हो चुका है, जिसे इसी प्लांट से ऑक्सीजन की आपूर्ति होनी है। फिलहाल माडल अस्पताल और मातृ-शिशु सदन की एसएनसीयू यूनिट समेत अन्य वार्डों में सिलेंडर के सहारे ही मरीजों का इलाज किया जा रहा है।
हर माह 200 से 250 सिलेंडर की खपत हो रही है। जानकारी के अनुसार प्लांट चालू हो जाने पर केवल इमरजेंसी वार्ड में सिलेंडरों की जरूरत होगी, जिस पर अधिकतम दो से पांच हजार रुपये का खर्च आएगा।
इससे सरकार के राजस्व की भी बचत होगी। इलाज कराने आए कुढ़नी के अरविंद कुमार ने कहा इतना बड़ा प्लांट बनाकर भी इसका कोई उपयोग नहीं हो रहा है, इसे जल्द चालू करना चाहिए।
सदर अस्पताल प्रबंधक प्रवीण कुमार ने बताया राज्य मुख्यालय से लगातार संपर्क किया जा रहा है। इस बीच सभी वार्डों में आक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है। बहुत जल्द इस समस्या का निदान हो जाएगा।
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