जागरण संवाददाता, पूर्णिया। पूर्व मंत्री बीमा भारती के बाद पूर्व सांसद संतोष कुशवाहा के लिए भी पाला बदल भारी पड़ गया। विधानसभा चुनाव परिणाम की घोषणा होते ही यह साफ हो गया है कि दोनों की राजनीतिक कश्ती अब पूरी तरह भंवर में फंस चुकी है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
दोनों विधानसभा चुनाव में बुरी तरह पराजित हुए हैं और निश्चित रुप से दोनों के सियासी कद के लिए प्रतिकूल स्थिति मानी जा रही है। बता दें कि बीमा भारती लोकसभा चुनाव से पूर्व जदयू की विधायक थी। रुपौली विधानसभा क्षेत्र से पांच-पांच जीत दर्ज कर उन्होंने सीमांचल में अपनी अलग पहचान बनायी थी।
वर्ष 2020 में भी वे रुपौली से जदयू की टिकट पर जीती थी। उससे पूर्व वे जदयू विधायक के तौर पर मंत्री भी रही थी। लोकसभा चुनाव से पूर्व उन्होंने जदयू से इस्तीफा देकर राजद का दामन थाम लिया था।
राजद ने उन्हें लोकसभा प्रत्याशी बनाने का भरोसा दिया था और प्रत्याशी बनाया भी था। चुनाव में वे अपनी जमानत भी नहीं बचा पायी थी। बाद में रुपौली में विस चुनाव में भी वे बुरी तरह मात खा गई थी। अब इस चुनाव में भी उन्हें मुंह की खानी पड़ी।
इधर संतोष कुशवाहा वर्ष 2014 व 2019 में जदयू के टिकट से पूर्णिया सीट से सांसद चुने गए थे और सीमांचल में जदयू का एक बड़ा चेहरा बन चुके थे। वर्ष 2024 के चुनाव में वे निर्दलीय सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव से मामूली अंतर से चुनाव हार गए थे।
चुनाव हारने के बाद भी वे पार्टी का मजबूत चेहरा माने जा रहे थे। विस चुनाव से ठीक पहले वे पाला बदल राजद में शामिल हो गए और धमदाहा विधानसभा क्षेत्र से राजद ने उन्हें प्रत्याशी बनाया। इस चुनाव में वे बिहार सरकार की मंत्री लेशी सिंह से बुरी तरह चुनाव हार गए हैं।