1.26 करोड़ बहनों के खातों में डाले गए 1857 करोड़ रुपये
डिजिटल टीम, भोपाल/सिवनी। मध्यप्रदेश की लाड़ली बहनों के लिए 12 नवंबर का दिन खास रहा। उनके चेहरे खिले और उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को जी भरकर दुआएं दीं। दरअसल, भगवान श्री कृष्ण और सम्राट विक्रमादित्य के पदचिन्हों पर चलने वाले सीएम डॉ. मोहन यादव ने सिवनी जिले में आयोजित कार्यक्रम में 1 करोड़ 26 लाख लाड़ली बहनों के खातों में 1500-1500 यानी 1857 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए। इसके अलावा उन्होंने सिवनी जिले में 560.75 करोड़ रुपये की लागत के 114 विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमि-पूजन किया। उन्होंने विश्व की सबसे बड़ी बाघ प्रतिमा का भी अनावरण किया। मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कार्यक्रम में आते ही स्थानीय कलाकारों का अभिनंदन किया। उसके बाद उन्होंने कार्यक्रम स्थल पर लगाई गई प्रदर्शनियों का भी अवलोकन किया। उन्होंने बच्चियों का खीर चटाकर अन्नप्राशन भी किया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इस मौके पर सीएम डॉ मोहन यादव ने कहा कि सिवनी जिले के शासन-प्रशासन में महिलाओं को प्राथमिकता दी गई है। यह बदलता मध्यप्रदेश है। आज यहां भाईदूज भी हो गई और रक्षाबंधन भी हो गया। इस बीच सीएम डॉ यादव ने वहां मौजूद पुरुषों-महिलाओं से मोबाइल टॉर्च जलाने को कहा। इनके जलते ही उन्होंने विपक्ष के लिए कहा कि आंखें हों तो देख लो, हमने जो कहा-वो करके दिखाया। बहनों का आशीर्वाद हमें मिल गया, जीवन धन्य हो गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश बदल रहा है। हमने यही संकल्प लिया था कि बहनों की आर्थिक स्थिति मजबूत करेंगे। धीरे-धीरे करके हम राशि बढ़ाते जाएंगे।
उन्होंने कहा कि मैं सिवनी से पूरे प्रदेश की बहनों को 1500 रुपये मिलने पर अभिनंदन करता हूं। बहनें इस राशि का महत्व जानती हैं। नारी सशक्तिकरण को लेकर हमारी सरकार संकल्पित है। कांग्रेसी इस बात को कान खोलकर सुन लें। जब हमने कहा था कि हम भाईदूज से 250 रुपये बढ़ाएंगे, तो कांग्रेसी हाय-हाय रे करके छाती पीटने लगे। ऐसा लग रहा था कि मातम पसर गया हो। पता नहीं कांग्रेसियों को क्या हो जाता है। जब हम अपनी बहनों को राशि देने की बात करते हैं, तो कांग्रेसी कहते हैं कि कहां से दोगे-पैसे ही नहीं हैं। अरे, कांग्रेसियों आंखें हों तो देख लो और कान हों तो सुन लो, हमने डंके की चोट पर 1500 रुपये दिए। ये रुपये आगे भी मिलते रहेंगे। दुनिया की कोई ताकत इसे नहीं रोक सकती। कांग्रेसी बड़ी बेशर्मी से आरोप लगा रहे थे। लग रहा था, जैसे वो रोज हमारा खजाना जांच रहे हों।
कांग्रेस ने किए वंदे मातरम के टुकड़े
मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि हमारे यहां मां सरस्वती-मां लक्ष्मी-मां दुर्गा हैं। इनके माध्यम से हमारी सनातन संस्कृति जीवंत है। बहनों की वजह से ही भगवा ध्वज-राष्ट्र ध्वज का मान है और वंदे मातरम का भाव जागृत है। कांग्रेस के लोगों ने घोर पाप करके वंदे मातरम के भी टुकड़े किए। दुर्भाग्य से कहना पड़ रहा है कि जिस वंदे मातरम के भरोसे देश ने आजादी की अलख जगाई, जिसे गुरुवर रबीन्द्रनाथ टैगोर ने गाया, जिसके भरोसे शहीद भगत सिंह ने इंकलाब जिंदाबाद की बात कही, जिसके भरोसे देश ने लंबा संघर्ष किया, वह कांग्रेसियों और उनके पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को पसंद नहीं आया। उस वक्त कांग्रेस ने वंदे मातरम के टुकड़े कर दिए और कहा कि वंदे मातरम को गाना ही क्यों है। कांग्रेस ने देश के टुकड़े करने का महापाप किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राष्ट्र गीत की 150वीं जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूरा देश वंदे मातरम अभियान में शामिल हो रहा है।
विपक्ष केवल वोट चाहता है
सीएम डॉ. यादव ने कहा कि अंग्रेजों से लड़ने वाले आदिवासी जननायक भगवान बिरसा मुंडा की भी 150 जयंती चल रही है। हमारा सौभाग्य है कि अधिकतर आदिवासी समाज मध्यप्रदेश में बसता है। भगवान बिरसा मुंडा से प्रेरित होकर कई महिला रानियों ने भी अंग्रेजों से लोहा लिया। हमारी सरकार के गठन बाद हमने दो कैबिनेट बैठकें रानी दुर्गावती को समर्पित कीं। यह बहनों के प्रति हमारी श्रद्धा है। जिस तरह रानी लक्ष्मी बाई का नाम पाठ्यक्रम में है, उसी तरह हम रानी दुर्गावती और सभी आदिवासी नायकों के जीवन को भी पाठ्यक्रम में शामिल कर रहे हैं। कांग्रेसियों ने कभी आदिवासियों के लिए कुछ नहीं किया। उनका काम केवल वोट लेना है। सरकार बनाने के अलावा उनका कोई और भाव नहीं होता। उन्होंने कहा कि लाड़ली बहनों को अब तक 45 हजार करोड़ से अधिक राशि मिल चुकी है। राज्य सरकार के 2 साल पूर्ण होने पर बहनों को रोजगार आधारित उद्योगों के माध्यम से धीरे-धीरे करके 5000 रुपए महीना देना चाहते हैं। बहनें लाड़ली योजना की राशि से अपने रोजगार स्थापित कर रही हैं। घर की जरूरत पूरी कर रही हैं। महिलाएं निडर बनें और लीडर बनें। इसके लिए 2028 में राजनीतिक क्षेत्र में 33 प्रतिशत आरक्षण लागू करने के लिए प्रयास कर रही है।
जन कल्याण के लिए संकल्पित सरकार
प्रदेश के मुखिया ने कहा कि मध्यप्रदेश को औद्योगिक विकास के लिए केंद्र सरकार की ओर से विभिन्न कैटेगरी में 4 पुरस्कार मिले हैं। 6 लाख से अधिक लोगों को रोजगार से जोड़ा गया है। औद्योगिक क्षेत्र विक्रम उद्योगपुरी सहित प्रदेश में महिला होस्टल बन रहे हैं। आज प्रदेश में 5 लाख से अधिक स्व-सहायता समूहों से 53 लाख से अधिक बहनें जुड़ी हैं और विभिन्न योजनाओं का लाभ ले रही हैं। उन्होंने कहा कि 30 दिसंबर से बिजली बिल सरचार्ज माफ करने के लिए बड़ी योजना की शुरुआत की जा रही है। भावांतर योजना के माध्यम से सोयाबीन किसानों को 13 नवंबर को राशि ट्रांसफर की जाएगी। किसानों को धान पर भी बोनस दिया है। राज्य सरकार गेहूं भी खरीद रही है। मक्का का उचित मूल्य दिलाने के लिए भी कार्य करेंगे। उन्होंने कहा कि नक्सलवादी अभियान से जुड़े लोग सरकार की आत्मसमर्पण नीति को अपना लें और समाज की मुख्यधारा से जुड़ें। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में मार्च 2026 तक लाल सलाम को आखिरी सलाम करने वाला कोई नहीं रहेगा।
बहनों का भाई से खुलकर हुआ संवाद
सुषमा शनोड़िया ने कहा कि मैं ब्यूटीपार्लर का काम करती हूं। मैं इस योजना के लिए दिल से आभार व्यक्त करती हूं। इससे मैं आत्मनिर्भर बन गई हूं। मेरी आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है। इस मौके पर सीएम डॉ. यादव ने बहन माधुरी डहरिया से कहा कि किसी से भी शिकायत हो तो खुलकर बताएं। ये आपके भाई की सरकार है, किसी से डरने की कोई जरूरत नहीं है। मुझे इस योजना से मिल रही राशि से काफी मदद मिलती है। सीएम डॉ. यादव ने कहा कि बहनें जो कह रही हैं वह उन लोगों के लिए सबक है, जो कह रहे हैं कि महिलाएं योजना की राशि से शराब पी जाती हैं। अंजलि वरमैया ने कहा कि मैं लाड़ली बहना योजना में मिल रही राशि से बहुत खुश हूं। इस राशि से मैं आर्थिक मजबूत हुई हूं। मेरे पति बहुत खुश हैं। मैं पैसे इकट्ठे करके बिजनेस शुरू करना चाहती हूं।
इस मौके पर सीएम डॉ. यादव ने कहा कि जो कांग्रेस कह रहे हैं कि महिलाएं दारू पीती हैं उनको याद रखना, समय पर सबक सिखाना। अंजू सोनी ने कहा कि पहले मैं मन मारकर जीवन बिताती थी। उसके बाद मुझे लाड़ली बहना योजना से राशि मिलने लगी तो मैंने सिलाई मशीन खरीद ली। इस राशि से मेरे घर के कई काम हो जाते हैं। मैं पति के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलती हूं। शक्ति चौहान ने बताया कि महिलाओं का समूह लाड़ली बहना की राशि को बैंक में जमा कर रही हैं। इससे वे आत्मनिर्भर हो रही हैं और उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है। चयनकली डहरिया ने कहा कि मुझे इस योजना की राशि से बच्चों की फीस भरने में मदद मिलती है। |