सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर 14 अक्टूबर को सुनवाई करेगा।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सहारा समूह ने अपनी 88 चल-अचल संपत्तियों को अदाणी समूह को बेचने की अनुमति देने के लिए सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई है। इनमें महाराष्ट्र की एंबी वैली और लखनऊ का सहारा शहर भी शामिल है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
समूह का कहना है कि देनदारियां निपटाने और अवमानना कार्यवाही को समाप्त करने के लिए चल-अचल संपत्तियों को बेचने के लिए मंजूरी की जरूरत है। सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर 14 अक्टूबर को सुनवाई करेगा।
सहारा इंडिया कामर्शियल कारपोरेशन लिमिटेड (एसआइसीसीएल) की तरफ से दायर याचिका में कहा गया है कि सहारा समूह की विभिन्न संपत्तियों को अदाणी प्रापर्टीज प्राइवेट लिमिटेड को बेचने के लिए नियम और शर्तों से जुड़ी टर्म शीट पर छह सितंबर 2025 को सहमति बन चुकी है।
सहारा समूह ने बयान में क्या कहा?
सहारा समूह के बयान में कहा गया है कि सहारा समूह सहकारी समितियों के जमाकर्ताओं का बकाया चुकाने के लिए कोर्ट ने 24030 करोड़ रुपये सेबी के रिफंड खाते में जमा करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था। इसमें से 16 हजार करोड़ रुपये जमा किए जा चुके हैं।
प्रतिष्ठित एस्टेट ब्रोकरेज कंपनियों की सेवाएं लेने के बावजूद सहारा समूह की परिसंपत्तियों को बेचने में भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की असमर्थता की ओर इशारा करते हुए एसआइसीसीएल ने कहा कि सेबी-सहारा रिफंड खाते में जमा की गई पूरी धनराशि आवेदक और सहारा समूह के प्रयासों से तथा बड़ी कठिनाई से जमा की गई थी।
\“समूह ने फैसला लेने वाले को खो दिया\“
एसआइसीसीएल ने आगे कहा कि नवंबर 2023 में सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत राय की मृत्यु के बाद, समूह ने अपना एकमात्र निर्णयकर्ता खो दिया है, जो अब तक समूह की ओर से सभी निर्णय ले रहे थे।prayagraj-common-man-issues,silica sand mining lease,cowshed safety concerns,mining impact on animals,Bara Tehsil news,illegal mining prayagraj,Prayagraj latest update,Prayagraj News,Prayagraj Latest News,Prayagraj News in Hindi,Prayagraj Samachar,प्रयागराज की गोशाला,प्रयागराज समाचार,Uttar Pradesh news
याचिका में कहा गया है, \“\“दिवंगत सुब्रत राय के परिवार के सदस्य सहारा समूह के दैनिक व्यावसायिक संचालन और प्रबंधन में शामिल नहीं थे। हालांकि, निवेशकों के हितों की रक्षा करने की परिवार के सदस्यों की इच्छा को ध्यान में रखते हुए, सहारा समूह ने निर्णय लिया है कि समूह की परिसंपत्तियों को अधिकतम मूल्य पर और शीघ्रता से बेचा जाए ताकि शीर्ष अदालत की ओर से पारित आदेशों का पालन किया जा सके।“
हम ऐसा करना चाहते हैं ताकि सहारा समूह की देनदारियों का निर्वहन किया जा सके और वर्तमान अवमानना कार्यवाही को समाप्त किया जा सके।
सहारा समूह
एसआइसीसीएल ने कहा कि यह निर्णय सभी हितधारकों, विशेषकर सहारा समूह के निवेशकों के हित में लिया गया है।
(समाचार एजेंसी PTI इनपुट के साथ)
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