राहुल गांधी।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर कांग्रेस सधी रणनीति से सफलता अर्जित करने की तैयारी है। पार्टी का फोकस इस बार भागलपुर के कहलगांव की सीट पर है। जहां कांग्रेस लगातार जीत दर्ज करती रही है। संगठन इस जीत को बरकरार रखने के लिए माइक्रो लेवल पर कार्य कर रही है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
वहीं, सुल्तानगंज और कहलगांव सीटें पार्टी के लिए चुनौती बनी हुई हैं, जहां पिछले चुनावों में हार का सामना करना पड़ा था। ऐसे में कांग्रेस अब तीनों सीटों पर संतुलन बनाते हुए अपने प्रदर्शन को बेहतर करने की दिशा में जुटी है।
भागलपुर विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस की पकड़ मजबूत मानी जाती है। पार्टी इसे किसी भी सूरत में हाथ से जाने नहीं देना चाहती। बूथ स्तर पर 20-20 समर्थकों की टीम बनाई गई। इसमें हर तबके को शामिल किया है। बूथ की निगरानी एक अलग कमेटी कर रही है। महिला टीम भी घर-घर जाकर महागठबंधन के छह एजेंडों को पहुंचा रही है।
पंचायत से लेकर शहरी वार्डों तक बूथवार संपर्क अभियान जारी है। पर्यवेक्षकों की निगरानी में संगठन की इकाइयों को सक्रिय किया गया है। मोहल्लों में हर घर झंडा और स्टीकर लगाने का अभियान चलाया। चुनाव कार्यालय से प्रचार तंत्र की गतिविधियों की चर्चा हो रही है। महिलाओं की भागीदारी के लिए महिला पर्यवेक्षक प्रतिनियुक्त है।
वहीं, जिला प्रभारी झारखंड की मंत्री दीपिका पांडेय को बनाया गया है। 10 से 12 वार्ड में प्रतिदिन कार्यकर्ता प्रचार कर रहीं है। वहीं, प्रत्याशी के साथ अलग टीम भ्रमणशील है। वहीं सोशल मीडिया पर भावी उम्मीदवार सक्रिय हैं और वॉट्सऐप नंबर व क्यूआर कोड के माध्यम से मतदाताओं से सीधा संवाद स्थापित किया जा रहा है।
दिल्ली और पटना स्थित वार रूम से कांग्रेस हाईकमान लगातार सीटों की निगरानी कर रहा है। उनके निर्देशन पर कार्य हो रहा है। सोशल मीडिया और ग्राउंड टीम मिलकर स्थानीय मुद्दों को डिजिटल प्लेटफार्म पर उठा रही हैं। वार रूम से कार्यकर्ता, समर्थक व वोटरों की जरूरतों को पूरा किया जा रहा है। विपक्षी दलों के बयानों और रुझानों की रीयल टाइम मॉनिटरिंग की जा रही है।
राष्ट्रीय स्तर के नेता अशोक गहलोत, भूपेश बघेल और अधीर रंजन चौधरी को राज्य की चुनावी तैयारियों की कमान सौंपी गई है। कांग्रेस का मकसद इस बार न केवल भागलपुर सीट को बरकरार रखना है, बल्कि सुल्तानगंज और कहलगांव में भी जीत दर्ज कर संगठन को मजबूत आधार देना है। |