नई दिल्ली। आज भारत उस महान व्यक्तित्व को याद कर रहा है जिन्होंने देश की आजादी के साथ-साथ उद्योग जगत में भी अपनी अमिट छाप छोड़ी। उनका नाम सेठ जमनालालबजाज (Jamnalal Bajaj birth anniversary) है। जिनका जन्म 4 नवंबर 1889 को राजस्थान के सीकर जिले में एक साधारण मारवाड़ी परिवार में हुआ था। तब सीकर जयपुर रियासत का हिस्सा हुआ करता था। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
   
 
जमनालालबजाज का जन्म जहां हुआ वहां से बिड़ला, सिंघानिया, डालमिया जैसे बड़े बिजनेस घरानों का भी संबंध रहा है। ऐसे लोगों के मन में सवाल उठता है कि आखिर वह क्षेत्र कौन सा था और क्या खासियत थी जो बड़े-बड़े अरबपतियों का वह गढ़ बना।   
 
   
 
जमनालालबजाज केवल चौथी कक्षा तक ही पढ़े थे, लेकिन जीवन के शुरुआती वर्षों में ही उनकी किस्मत ने करवट ली। जब वे मात्र पांच वर्ष के थे, तब वर्धा के प्रसिद्ध व्यापारी सेठ बच्छराज ने उन्हें गोद ले लिया। सेठ बच्छराज के पास अपार संपत्ति थी, लेकिन जमनालालजी का झुकाव धन-संपत्ति से अधिक मानव सेवा और राष्ट्र के उत्थान की ओर था।  
 
    
 
   
उद्योग जगत में बजाज समूह की नींव  
 
   
 
देश की स्वतंत्रता के प्रति समर्पण के साथ-साथ जमनालालबजाज ने उद्योग क्षेत्र में भी एक नया अध्याय लिखा। उन्होंने 1920 के दशक में एक शुगर मिल से बजाज समूह (Bajaj Group) की शुरुआत की। उनके उद्योगों की बुनियाद ईमानदारी, आत्मनिर्भरता और स्वदेशी भावना पर रखी गई थी। यह गांधीजी की सोच से मेल खाती थी।  
 
   
 
बाद में उनके बड़े बेटे कमलनयन बजाज ने समूह की कमान संभाली और उसे नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। आज बजाज ग्रुप भारत के सबसे प्रतिष्ठित औद्योगिक घरानों में गिना जाता है।   
 
   
 
समूह का मार्केट लगभग 14 लाख करोड़ रुपये (लगभग 167 अरब अमेरिकी डॉलर) है, जिसमें 40 समूह कंपनियां और लगभग 1,00,000 कर्मचारी शामिल हैं। इनमें (Bajaj Group companies list) बजाजइलेक्ट्रिकल्स, बजाजऑटो, बजाजफिनसर्व और बजाजकंज्यूमरकेयर जैसी अग्रणी कंपनियां शामिल हैं।  
 
   
 
यह दोपहिया और तिपहिया वाहन, घरेलू उपकरण, इलेक्ट्रिकलैंप, पवन ऊर्जा, विशेष मिश्र धातु और स्टेनलेस स्टील, क्रेन, सामग्री प्रबंधन उपकरण, यात्रा, सामान्य और जीवन बीमा और निवेश, होम फाइनेंस और परिसंपत्ति प्रबंधन सहित उत्पादों और सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करता है।  
 
 
  
 
 
  
| कंपनी का नाम (Bajaj Group companies list) |  किस सेक्टर पर काम | लिस्टेड (BSE/NSE) |  | बजाज ऑटो | ऑटोमोबाइल (दो और तीन पहिया वाहन) | हां |  | बजाज फिनसर्व | वित्तीय सेवाएं (होल्डिंग कंपनी) | हां |  | बजाज फाइनेंस | उपभोक्ता और SME वित्त | हां |  | बजाज इलेक्ट्रिकल्स | उपभोक्ता उपकरण और लाइटिंग | हां |  | बजाज होल्डिंग्स एंड इन्वेस्टमेंट्स | निवेश (NBFC) | हां |  | बजाज कंज्यूमर केयर | FMCG (व्यक्तिगत देखभाल) | हां |  | बजाज एनर्जी | बिजली उत्पादन | हां |  | बजाज हिंदुस्तान शुगर | चीनी और इथेनॉल | हां |  | मुकंद | लोहा और स्टील | हां |  | हर्क्यूलिस होइस्ट्स | सामग्री हैंडलिंग उपकरण | हां |  | महाराष्ट्र स्कूटर | निवेश (CIC) | हां |  | बजाज एलियांज लाइफ इंश्योरेंस कंपनी | बीमा (जीवन) | नहीं |  | बजाज एलियांज जनरल इंश्योरेंस कंपनी | बीमा (सामान्य) | नहीं |  | बजाज ऑटो क्रेडिट | वाहन वित्तपोषण (NBFC) | नहीं |  | बजेल प्रोजेक्ट्स | इंजीनियरिंग और निर्माण | नहीं |  | हिंद लैंप्स | लाइटिंग | नहीं |  | स्टारलाइट लाइटिंग | लाइटिंग | नहीं |  | बजाज स्टील इंडस्ट्रीज | लोहा और स्टील | हां |  | बजाज वेंचर्स | पावर टूल्स और हाउसवेयर निर्माण | नहीं |  | हिंद मुसाफिर एजेंसी | यात्रा एजेंसी | नहीं |     
 
 
  
 
   
 
   
शेखावाटी: अरबपतियों की जननी  
 
   
 
दिलचस्प बात यह है कि जिस क्षेत्र में जमनालालबजाज का जन्म हुआ, वही इलाका भारत के कई प्रसिद्ध औद्योगिक घरानों की जन्मभूमि भी है। शेखावाटी क्षेत्र, जिसमें सीकर, झुंझुनू और चूरू जिले शामिल हैं, देश के कई दिग्गज व्यापारिक परिवारों की कर्मभूमि रहा है। इसमें जैसे बिड़ला, सिंघानिया, डालमिया, मित्तल, रुइया, पोद्दार, खेतान, गोयनका, झुनझुनवाला और पीरामल शामिल हैं।  
 
   
 
यह इलाका भले ही रेगिस्तानी और कठोर जलवायु वाला हो, लेकिन यहां के लोगों ने अपनी मेहनत, व्यापारिक समझ और आत्मविश्वास के दम पर देश और दुनिया में अपनी पहचान बनाई।   
 
   
 
यहां के बच्चे देश के टॉपइंडस्ट्रलिस्ट, चार्टर्ड अकाउंटेंट, आईएएस, लीडर, बिजनेसमैन, व्यापारी बनते है। दरअसल यहां पैदा हुआ कोई बच्चा नौकरी की बात नही कर रहा था, सब या तो व्यापारी या बड़े ब्यूरोक्रेट या सीए बनने की बात करते हैं।  
 
   
गांधीजी के पांचवें पुत्र बने जमनालाल  
 
   
 
जमनालालबजाज पर महात्मा गांधी के विचारों का गहरा प्रभाव पड़ा। जब गांधीजी 1915 में दक्षिण अफ्रीका से लौटे और साबरमती आश्रम की स्थापना की, तब जमनालालजी भी कुछ समय उनके साथ रहे। 1920 में नागपुर कांग्रेस अधिवेशन के दौरान उन्होंने गांधीजी के समक्ष यह इच्छा जताई कि वह गांधी जी का पांचवां पुत्र बनाना चाहते हैं। शुरुआत में गांधीजी हैरान हुए, लेकिन बाद में उन्होंने इस रिश्ते को स्वीकार किया।  
 
   
 
16 मार्च 1922 को साबरमती जेल से लिखे पत्र में गांधीजी ने जमनालाल को संबोधित करते हुए लिखा,\“\“तुम मेरे पांचवें पुत्र तो बने ही हो, लेकिन मैं एक योग्य पिता बनने की कोशिश कर रहा हूं।\“\“  
 
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