जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। मोबाइल फोन के बाद भारत अब सेमीकंडक्टर या चिप के उत्पादन में भी आत्मनिर्भर बनने जा रहा है। सोमवार को इलेक्ट्रॉनिक्स व आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि अगले दो-तीन महीने के भीतर देश में तीन प्लांट से सेमीकंडक्टर का उत्पादन शुरू हो जाएगा। इन जगहों पर सेमीकंडक्टर का उत्पादन का पायलटप्रोजेक्ट पहले से चल रहा है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
सोमवार को गुजरात के मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री व आईटी मंत्री के साथ गुजरात में लगने वाले सेमीकंडक्टर प्लांट की प्रगति की समीक्षा के बाद वैष्णव ने बताया कि गुजरात में स्थापित केंजसेमीकंडक्टर, सीजी सेमीकंडक्टर के साथ माइक्रोन प्लांट में पायलट रूप से उत्पादन का कार्य शुरू हो गया है। वहीं, धोलेरा में सेमीकंडक्टरफैब्रिकेशन से जुड़े प्लांट की स्थापना के लिए काफी तेजी से निर्माण कार्य चल रहा है।
उन्होंने कहा कि आने वाले समय में धोलेरा हाई-टेक मैन्यूफैक्च¨रग का बड़ा केंद्र बनने जा रहा है। देश की आर्थिक सुरक्षा एवं रणनीतिक निर्भरता के लिए देश में सेमीकंडक्टर उत्पादन जरूरी है। मोबाइल फोन से लेकर विभिन्न प्रकार के इलेक्ट्रानिक्सआइटम, हेल्थकेयर सेक्टर, रक्षा सेक्टर व अंतरिक्ष सेक्टर के लिए सेमीकंडक्टर का उत्पादन काफी महत्वपूर्ण है। अभी भारत सेमीकंडक्टर के लिए आयात पर निर्भर करता है।
सेमीकंडक्टर का उत्पादन करने वाले देशों के नाम
दुनिया में ताइवान, अमेरिका, चीन, दक्षिण कोरिया, मलेशिया जैसे देश सेमीकंडक्टर का उत्पादन करते हैं।अब तक देश के छह राज्यों में सेमीकंडक्टर उत्पादन से जुड़े दस प्लांट की स्थापना की सरकार ने मंजूरी दी है। इन राज्यों में गुजरात, असम, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, पंजाब व उड़ीसा शामिल हैं। इन दस प्लांट की स्थापना में 1.6 लाख करोड़ के निवेश की उम्मीद की जा रही है।
देश में सेमीकंडक्टर के उत्पादन के लिए सरकार ने वर्ष 2021 में इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन लांच किया था जिसके तहत सेमीकंडक्टर का उत्पादन करने वाली कंपनियों को 76,000 करोड़ के इंसेंटिव का प्रस्ताव रखा गया था।
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