Ganadhipa Chaturthi 2025: गणाधिप संकष्टी चतुर्थी का धार्मिक महत्व
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि भगवान गणेश को समर्पित माना जाता है। इस शुभ अवसर पर संकष्टी चतुर्थी मनाई जाती है। वहीं, अगहन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर गणाधिप संकष्टी चतुर्थी मनाई जाती है। गणाधिप संकष्टी चतुर्थी के दिन भक्ति भाव से भगवान गणेश की पूजा की जाती है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
धार्मिक मत है कि भगवान गणेश की पूजा करने से जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुख और संकट दूर हो जाते हैं। साथ ही आय और सौभाग्य में समय के साथ वृद्धि होती रहती है। आइए, गणाधिप संकष्टी चतुर्थी की सही तिथि (Ganadhipa Sankashti Chaturthi 2025 Date) और शुभ मुहूर्त जानते हैं-
गणाधिप संकष्टी चतुर्थी शुभ मुहूर्त (Ganadhipa Sankashti Chaturthi 2025 Shubh Muhurat)
वैदिक पंचांग के अनुसार, अगहन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी 08 नवंबर को सुबह 07 बजकर 32 मिनट पर शुरू होगी और 09 नवंबर को सुबह 04 बजकर 25 मिनट पर समाप्त होगी। गणाधिप संकष्टी चतुर्थी पर चंद्र दर्शन करने का विधान है। इसके लिए 08 नवंबर को गणाधिप संकष्टी चतुर्थी मनाई जाएगी। इस दिन चंद्र दर्शन का समय संध्याकाल 08 बजकर 01 मिनट पर है।
गणाधिप संकष्टी चतुर्थी शुभ योग (Ganadhipa Sankashti Chaturthi 2025 Shubh Yog)
ज्योतिषियों की मानें तो गणाधिप संकष्टी चतुर्थी तिथि पर शिव और सिद्ध योग का संयोग बन रहा है। इसके साथ ही भद्रावास और शिववास योग का निर्माण हो रहा है। इन योग में भगवान गणेश की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होगी। साथ ही सुख और सौभाग्य में वृद्धि होगी। अगर आप भगवान गणेश की विशेष कृपा पाना चाहते हैं, तो गणाधिप संकष्टी चतुर्थी पर इन योग में एकदन्त की पूजा करें।
यह भी पढ़ें- Sankashti Chaturthi 2025: भगवान गणेश की पूजा के समय करें इस चालीसा का पाठ, खुशियों से भर जाएगा जीवन
यह भी पढ़ें- Sankashti Chaturthi 2025: संकष्टी चतुर्थी पर करें अपनी राशि के अनुसार उपाय, मिलेगा मनचाहा फल
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है। |