अदालत के आदेश के बाद मिली परिवार से मिलने की इजाजत।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पाकिस्तान में एक हिंदू लड़की को पहले अगवा कर लिया जाता है फिर जबरदस्ती धर्म बदलकर एक मुस्लिम बूढ़े से निकाह पढ़ा दिया जाता है। इस दौरान इस मूक-बधिर लड़की को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। आखिर में सिंध कोर्ट के आदेश के बाद उसकी मुलाकात अपने परिवार से हो पाई। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
कराची से करीब 310 किमी. पूर्व में उमरकोट की निचली अदालत ने सुनीता कुमारी महाराज को शनिवार को उसके परिवार से मिलाने का आदेश दिया था। इस बात की जानकारी हिंदू एक्टिविस्ट शिवा काची ने दी जो इस हिंदू लड़की के माता-पिता की केस लड़ने में मदद कर रहे हैं।
क्या है मामला?
सुनीता को मीरपुरखास जिले के कुनरी शहर से किडनैप किया गया था और बाद में उसका जबरदस्ती धर्म बदलवाकर उम्र में बहुत बड़े मुस्लिम आदमी से जबरदस्ती शादी करवा दी गई। स्थानीय हिंदू समुदाय के नेताओं के मुताबिक, सुनीता उन गिनी चुनी खुशकिस्मत हिंदू लड़कियों में शामिल है, जिन्हें कुछ हद तक न्याय मिला है।
\“सुनीता का मामला पहला नहीं\“
उमरकोट के वकील चंदर कोहली ने सोमवार को बताया, “सुनीता मामला कोई इकलौता मामला नहीं है और हिंदू लड़कियों को व्यवस्थित तरीके से अगवा करना, जबरदस्ती धर्म बदलवाना और फिर शादी करा देना, यह एक ऐसा संकट है जो सिंध में हमारे समुदाय को डराता है।“
उन्होंने आगे कहा कि सुनीता के माता-पिता और एक्टिविस्ट्स के केस करने के बाद उसे उमरकोट में पाया गया। कोर्ट में कई सुनवाई के बाद उसे एक सेफ हाउस में भेज दिया गया। सुनीता ने कहा कि उसे किडनैप किया गया था और जबरदस्ती धर्म बदलवाकर शादी करने पर मजबूर किया गया।
उन्होंने कहा, “सबसे बड़ी समस्या यह है कि अधिकतर मामलों में आरोपी अपनी शादी को कानूनी और अपनी मर्जी से साबित करने के लिए नकली दस्तावेज दिखाते हैं। पीड़ित लड़कियां गरीब परिवारों से होती हैं और उनके पास अपने केस लड़ने के लिए न तो साधन होते हैं और न ही जानकारी।”
कोहली ने कहा, “यही वजह है कि कई हिंदू नेता अब ज्यादा पढ़े-लिखे हिंदुओं को इसमें शामिल होने के लिए बढ़ावा दे रहे हैं, क्योंकि यह हमारे समुदाय के लिए एक बड़ा मुद्दा है।“
पिछले महीने की शुरुआत में एक 15 साल की हिंदू लड़की को कथित तौर पर अगवा किया गया, रेप किया गया और इस्लाम में धर्म बदलने के बाद जबरदस्ती शादी कर दी गई। उसने पाकिस्तान के सिंध प्रांत की एक अदालत में गुहार लगाई थी कि उसे अपने परिवार के पास लौटने दिया जाए।
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