देव दीपावली में आज दो लाख दीपों से जगमग होगी प्रभु श्री राम की तपोस्थली, चित्रकूट में शुरू हुआ ये बड़ा अभियान

cy520520 2025-11-1 10:37:13 views 765
  



प्रवीण कुमार, चित्रकूट। देव दीपावली के अवसर में धर्म नगरी कही जाने वाली प्रभु श्री राम की तपों स्थली चित्रकूट आज भव्य दीपों से जगमग होगी। देव दीपावली के अवसर में रामघाट में मंदाकिनी नदी के तट में उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश शासन साधु संतों के साथ मिलकर करीब दो लाख से अधिक दीपों को जलाएगा। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

इस मौके पर मध्य प्रदेश शासन की ओर से रामघाट में कई सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे। जिनको देखने के लिए कई हजारों की संख्या में श्रद्धालु भी रामघाट पहुचेंगे। जिसके तहत श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की कोई असुविधा न हो इसके लिए सतना और चित्रकूट दोनों जिला प्रशासन द्वारा देव दीपावली को अच्छी तरह से मनाने के लिए रामघाट में कई दिनों से सफाई अभियान भी चलाया जा रहा है। रामघाट से लेकर परिक्रमा मार्ग को भी पूरी तरह से साफ किया जा रहा है।
तेजी से चल रही तैयारियां

दीपावली त्योहार के 11 वें दिन आयोजित होने वाली देवोत्थानी एकादशी (देव दीपावली) को इस बार भव्य रूप से मनाने के लिए तैयारी जोर शोर से चल रही है। इस बार पतित पावन कही जाने वाली मंदाकिनी नदी के तट में रामघाट में दीपोत्सव के साथ भयंकर उत्साह के साथ अतिसबाजी भी की जाएगी। गंगा आरती के बाद ही इन कार्यक्रमों की शुरुवात होगी। देव दीपावली में कर्वी नगर पालिका की ओर से 21 हजार और मध्य प्रदेश शासन की ओर से एक लाख 11 हजार साथ ही करीब 30 हजार दीपक साधु संतों के द्वारा जलाए जाएंगे।

साथ ही चित्रकूट और सतना दोनों जिला प्रशासन द्वारा रामघाट में भयंकर अतिसबाजी भी की जाएगी। रामघाट में कई स्थानों में मध्य प्रदेश शासन द्वारा कई सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे। इन कार्यक्रमों में लोक कलाओं का प्रदर्शन करने के लिए दूर दराज से कलाकार भी आएंगे। जिन कार्यक्रमों का रामघाट पहुंचकर भारी संख्या में श्रद्धालु लुफ्त भी उठायेंगे।

देव दीपावली के दौरान सड़क से लेकर रामघाट तक कई खाने पीने और खिलौने की दुकाने भी दुकानदारों द्वारा लगाई जाएंगी। सुरक्षा के दृष्टिगत भारी संख्या में पुलिस बल के जवान भी तैनात रहेंगे।
होती है मान्यता श्रद्धालु करते हैं कामना

एकादशी के पर्व पर मान्यता है कि इसी दिन भगवान विष्णु 4 माह की लंबी निद्रा से जागते हैं और आज ही के दिन से सारे पुण्य कार्यों की शुरूवात हो जाती है। इसलिए इस एकादशी के पर्व को देवी उत्थान या देव उठानी एकादशी के नाम से जाना जाता है।

श्रद्धालुओं का कहना है कि एकादशी के पर्व पर वह राम घाट पर आते हैं और यहां मां मंदाकिनी नदी में दीपदान कर आतिशबाजी करके जीवन में सुख समृद्धि की कामना भगवान विष्णु और भगवान राम से करते हैं।
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