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UP Weather Update: अगले 24 घंटे में कैसा रहेगा मौसम? किसानों की बढ़ सकती है टेंशन

LHC0088 4 day(s) ago views 141

  



जागरण टीम, अमेठी। मौसम में हुए बदलाव थमने का नाम नहीं ले रहा है। मौसम का बदरंग मिजाज शुक्रवार को पांचवें दिन भी कायम रहा। बारिश की वजह से किसानों के खेतों ने पक कर खड़ी धान की फसल गिर गई है, तो वहीं बड़ी संख्या में किसानों के खेतों में कटी धान की फसल भीग गई है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

भीगी धान की फसल के खेतों में अंकुरित होने का खतरा मंडरा रहा है। निराश किसान फसल बर्बाद होता देख मायूस दिख रहे हैं। मौसम वैज्ञानिकों की माने अगले 24 घंटों में भारी बारिश भी हो सकती है। बेमौसम बारिश से लोगों के साथ ही पशुपालकों की भी समस्या बढ़ गई हैं।

बुधवार की आधी रात से शुरू हुई रुक रुक कर बारिश गुरुवार पूरा दिन जारी रही। शुक्रवार सुबह भी क्षेत्र में बूंदाबांदी के साथ कई जगह सामान्य बारिश भी हुई। खेतों में कटी फसल के भीग जाने से धान के दानों का रंग काला होने का खतरा है, जिससे चावल खराब हो सकता है।

तो वहीं जिन किसानों के धान की फसल में फूल आ रहे हैं उनकी उत्पादन क्षमता भी कम हो सकती है। धान का कटोरा कहे जाने वाले तिलोई के सिंहपुर में किसानों की 70-80 प्रतिशत धान की फसल खेतों में पकी खड़ी है। ऐसे में कटाई के समय हो रही बारिश ने किसानों की नींद उड़ा दी है।

किसान ने जगतपाल सिंह, ऋषि शरण, आशीष कुमार और कुलदीप सिंह ने कहा कि खराब मौसम के चलते धान की फसल को नुकसान हो रहा है। बेमौसम बारिश से धान की फसल के अलावा रबी फसलों में आलू, मटर, चना, मसूर तथा सरसों की बोआई में विलंब होना तय है। इन फसलों के विलंब से बोआई का पैदावार पर प्रतिकूल असर पड़ना तय है।

अगले 24 घंटे में भारी बारिश की संभावना है। बारिश की वजह से जिन किसानों की धान की फसल को नुकसान पहुंचा है अगर फसल बीमित है, तो किसान बीमित राशि पाने के लिए क्लेम कर दें। साथ ही जो किसान खेतों में सरसों को बोआई करना चाहते हैं वह अभी बोआई रुक कर करें। -डा. पवन वर्मा, कृषि वैज्ञानिक

बदलते मौसम में विशेष कर छोटे बच्चों और बुजुर्गों को स्वास्थ्य के प्रति ध्यान देने की जरूरत है। सुबह शाम ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़े अवश्य पहनें। दमा के रोगी ठंड में स्वास्थ्य के प्रति सजग रहें। -डा. राजमणि वर्मा, प्रभारी पीएचसी फूला

बारिश की वजह से पशुओं के गोआश्रय केंद्रों और पशुशालाओं में कीचड़ हो गया है। ऐसे में पशुओं को कीचड़ में न बांधे। पशुओं के नियमित खानपान पर विशेष ध्यान दें। ज्यादा देर का चारा और सानी पशुओं को न दें। बारिश में भीगने से बचाएं। -डा. राज नारायन, पशु चिकित्सक
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