जागरण संवाददाता, रामपुर। अपहरण कर सात साल की बालिका से दुष्कर्म के प्रयास में न्यायालय ने युवक को दोषी मानते हुए 20 साल के कारावास की सजा सुनाई है। 61 हजार रुपये का जुर्माना भी डाला है।  
 
अभियोजन के अनुसार घटना शाहबाद कोतवाली क्षेत्र की है। यहां के एक गांव निवासी व्यक्ति दूध बेचने का काम करते हैं। उनकी सात की बेटी 11 मार्च की शाम पांच बजे घर के पास मंदिर परिसर में खेल रही थी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
गांव का रहने वाला टिंकू उसे उठाकर अपने घेर (पशु बांधने का स्थान) में ले गया। वहां कमरा बंद कर उसके साथ दुष्कर्म का प्रयास किया। इसी दौरान ग्रामीण व अन्य लोग वहां पहुंच गए। उन्हें देख युवक भाग गया।  
 
स्वजन ने शाहबाद कोतवाली जाकर पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने युवक के खिलाफ पाक्सो एक्ट समेत अन्य धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की थी। मुकदमे की विवेचना पूरी कर युवक के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल कर दिया।  
 
मुकदमे की सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष ने युवक को झूठा फंसाए जाने की दलील दी। अभियोजन ने घटना के समर्थन में सात गवाह व कई साक्ष्य प्रस्तुत किए। विशेष लोक अभियोजक सुमित शर्मा का कहना था कि गवाहों और साक्ष्यों ने घटना को साबित किया है।  
 
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट) रामगोपाल सिंह ने टिंकू को पाक्सो एक्ट में 20 साल कारावास और 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।  
 
अपहरण की धारा में सात साल और 10 हजार जुर्माना और कमरे में बंद करने की धारा में एक साल और एक हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। तीनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी। जुर्माने की कुल रकम 61 हजार रुपये जमा होने पर पीड़ित को प्रतिकर के रूप में दी जाएगी। |