पटना में छठ की तैयारियां तेज  
 
  
 
जागरण संवाददाता, पटना। लोक आस्था के महापर्व छठ को लेकर पटना नगर निगम की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। गंगा तट के प्राकृतिक और कृत्रिम घाटों पर सफाई, साज-सज्जा, और प्रकाश व्यवस्था का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है। इस बार श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं, जिसमें गंगा घाटों पर हाट एयर बैलून लगाए जाएंगे, ताकि श्रद्धालु दूर से ही घाटों की पहचान कर सकें। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
साथ ही, दिशा सूचक बोर्ड भी स्थापित किए जाएंगे। नगर आयुक्त यशपाल मीणा ने मंगलवार को नासरीगंज से कंगन घाट तक सभी छोटे-बड़े घाटों का एसडीआरएफ की नाव से निरीक्षण किया।  
 
काली घाट, गाय घाट, नौजर घाट, कलेक्ट्रेट घाट, कृष्णा घाट, महेंद्रु घाट, बांस घाट, दीघा घाट, और कुर्जी घाट सहित कई प्रमुख घाटों की तैयारियों की समीक्षा की गई। उन्होंने अधिकारियों को सफाई, अप्रोच रोड, पेयजल, शौचालय, विद्युत आपूर्ति और सुरक्षा व्यवस्था के कार्य समय पर पूर्ण करने के निर्देश दिए।  
घाटों पर सुविधाएं  
 
इस बार 91 गंगा घाटों और 61 तालाबों पर छठ पूजा के लिए श्रद्धालु पहुंचेंगे। उनकी सुविधा के लिए निम्नलिखित व्यवस्थाएं की गई हैं। 
 
  
  
 - 355 चेंजिंग रूम 
 
  - 14 यात्री शेड 
 
  - 106 नियंत्रण कक्ष 
 
  - 13 सहायक नियंत्रण कक्ष 
 
  - 154 वाच टावर 
 
    
 
दीपोत्सव और गंगा आरती  
 
स्वच्छता जागरूकता के लिए पटना नगर निगम 22 अक्टूबर को शाम 6 बजे पाटीपुल घाट पर दीपोत्सव और गंगा आरती का आयोजन करेगा। इस अवसर पर लोक गायिका और निगम की ब्रांड एम्बेसडर नीतू नवगीत सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगी।  
सुरक्षा के लिए बैरिकेडिंग  
 
गंगा नदी में श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए कई घाटों पर बैरिकेडिंग का कार्य पूरा हो चुका है, जबकि अन्य पर यह तेजी से चल रहा है। जलस्तर के अनुरूप बैरिकेडिंग की मजबूती और लंबाई का विशेष ध्यान रखा जा रहा है।  
 
एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, निगम कर्मी, और सफाई कर्मी 24 घंटे तैनात रहेंगे। नगर निगम की पूरी टीम यह सुनिश्चित कर रही है कि छठ व्रतियों को स्वच्छ, सुरक्षित, और सौहार्दपूर्ण वातावरण मिले। सभी अंचल पदाधिकारियों को सतत निगरानी और नियंत्रण कक्षों के साथ समन्वय बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं।  
पांच फीट गहरे पानी के बाद गंगा में घेराबंदी  
 
पदाधिकारियों का कहना है कि छठ के अर्घ्य से पहले गंगा के जलस्तर में कमी होने के बाद घेराबंदी के अंदर लगभग चार फीट पानी रह जाएगा। छठ की तैयारियों के बीच गंगा घाटों पर नजारा बिलकुल बदल चुका है। परिवार घूमने और युवाओं की टोली सेल्फी लेने के लिए पहुंच रही है।  
 
अनुमंडलाधिकारी सत्यम सहाय ने बताया कि केवल एक कंटाही घाट को खतरनाक घोषित किया गया है। घाटों पर लाल कपड़े से घेरे जा रहे इलाके खतरनाक है। वहां लोग नहीं जाएं। पीले कपड़ों से घेरे जा रहे क्षेत्र सुरक्षित हैं। वहां श्रद्धालु जाकर सुरक्षित तरीके से अर्घ्य दे सकते हैं।  
 
उन्होंने बताया कि घाटों को छठ के लिए सुरक्षित और सुविधाजनक तैयार करने का काम जारी है। इसके निरीक्षण के लिए अधिकारी लगातार घाटों पर पहुंच रहे हैं। लाइट के व्याप्त इंतजाम किए गए हैं। विभिन्न सेक्टरों में बंटे गंगा घाटों पर एनडीआरएफ के 90 जवानों की तैनाती की जाएगी।  
 
एसडीओ ने कहा कि गंगा घाटों के सम्पर्क पथों को सुविधाजनक बनाया जा रहा है। गायघाट स्थित राजकीय महिला महाविद्यालय के गेट के समीप से अशोक राजपथ के रास्ते को भी ठीक किया जाएगा। इस मार्ग से बड़ी संख्या में श्रद्धा गायघाट व भद्रघाट जाते हैं। |