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हाई रिस्क प्रेगनेंसी की निगरानी में चूक, सिस्टम की लापरवाही के चलते सामने आई चौंकाने वाली रिपोर्ट

deltin33 2025-9-26 15:36:32 views 1245
  हाई रिस्क प्रिग्नेंसी की निगरानी में चूक से हो रहीं मौत





मदन पांचाल, गाजियाबाद। गाजियाबाद में स्वास्थ्य विभाग की टीमों द्वारा डोर टू डोर सर्वे एवं निगरानी में लापरवाही बरती जा रही है। इतना ही नहीं, हाई रिस्क प्रेगनेंसी (एचआरपी) महिलाओं की निगरानी में चूक से प्रसव के दौरान अथवा बाद में महिलाओं की मौत की संख्या बढ़ रही है। हर महीने एक से दो महिलाओं की मौत हो रही है।  विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

यह स्थिति तब है, जबकि हर महीने नि:शुल्क जांच के बाद सैकड़ों महिलाओं को हाई रिस्क प्रेगनेंसी चिह्नित करते हुए उनकी देखभाल के निर्देश जारी होते हैं।  



विभागीय रिपोर्ट के अनुसार, अगस्त तक जिले में कुल 4945 एचआरपी चिह्नित हैं। इनकी निगरानी कमजोर होती जा रही है। प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत महीने की एक, नौ, 16 व 24 तारीख को सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर जांच को विशेष शिविर आयोजित होते हैं।  

रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 में जिले में आन रिकार्ड 27 मातृ मृत्यु दर्ज हैं। चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से लेकर जुलाई तक आठ मातृ मृत्यु दर्ज हैं। अगस्त में पांच महिलाओं की मौतों का डेथ आडिट चल रहा है। इनमें दो मौत तो जिला महिला अस्पताल में ही हुई है।  

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तीनों महिलाओं के घर नहीं पहुंचे स्वास्थ्य कर्मी  विजयनगर के विपिन की 37 वर्षीय पत्नी विशाखा की प्रीमेच्योर डिलीवरी घर पर हो गई। महिला को हालत खराब होने पर जिला महिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां मृतावस्था में रेफर कर दिया गया। प्रकरण की जांच जारी है।  



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आशा कार्यकर्ता के अनुसार, विशाखा एचआरपी चिह्नित थी, पर उसकी समय पर निगरानी नहीं हुई। खिचरा के सलमान की पत्नी साजिदा की भी जिला महिला अस्पताल में मौत हो गई। साजिदा भी एचआरपी चिह्नित थी। मिसलगढ़ी के आनंद की पत्नी नीतू की सीएचसी डासना में प्रसव के दौरान मौत हो गई। नीतू भी एचआरपी चिह्नित थी। उक्त तीनों के घर स्वास्थ्यकर्मी समय पर निगरानी को नहीं पहुंच रहे थे। यदि नियमित देखभाल होती तो शायद जान बच सकती थी।  



क्षेत्रवार अप्रैल से अगस्त तक चिह्नित एचआरपी गर्भवतियों का विवरण क्षेत्र कुल एचआरपी रजापुर 403 भोजपुर 211 लोनी 305 मुरादनगर 360 शहरी क्षेत्र 3666 हाई रिस्क प्रेगनेंसी (एचआरपी) की निगरानी को लेकर सख्त निर्देश जारी किये गये हैं।   खून की जांच, अल्ट्रासाउंड, टीकाकरण करने के अलावा आयरन-फोलिक एसिड की गोलियां आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से वितरित कराई जा रहीं हैं। पहले सिजेरियन प्रसव के बाद गर्भवती महिलाओं के घर तीसरे दिन भ्रमण का रोस्टर भी जारी किया गया है।  - डा. अखिलेश मोहन, सीएमओ  
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