बिहार चुनाव की चुनावी पाठशाला
जागरण संवाददाता, पटना। विधानसभा चुनाव के लिए अंतिम चरण के लिए स्क्रूटनी की प्रक्रिया मंगलवार को संपन्न हो गई। अब प्रत्याशी जनसंपर्क अभियान को धार देने में दिन-रात एक किए हुए हैं। वहीं, चुनाव आयोग भी आदर्श आचार संहिता उल्लंघन को लेकर सख्ती बढ़ा दी है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
आमजन ईसीआइनेट पर सी-विजिल एप का उपयोग कर आयोग के लिए आंख, कान व नाक बन सकते हैं। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय ने बताया कि एप से की गई शिकायतों का 100 मिनट के अंदर कार्रवाई सुनिश्चित करेगा।
इसके लिए राज्य में 824 उड़न दस्ते तैनात किए गए हैं। 21 अक्टूबर बिहार के आमचुनाव व अन्य राज्यों में हो रहे उपचुनाव को लेकर सी-विजिल एप का उपयोग कर 650 शिकायतें दर्ज की गईं। इनमें से 649 का निपटारा कर दिया गया है। इसमें से 612 (94 प्रतिशत) शिकायतों का 100 मिनट के अंदर समाधान कर दिया गया है।
ऑनलाइन में हैं असहज तो करें 1950 पर डायल
निर्वाचन आयोग के अनुसार यदि सी-विजिल एप से शिकायत करने में खुद को असहज पाते हैं तो हेल्पलाइन नंबर 1950 का उपयोग कर आदर्श आचार संहिता को प्रभावी बनाने में सहयोग कर सकत हैं। किसी भी फोन से 1950 पर हिंदी, भोजपुरी, मैथिली सहित 22 भाषाओं में शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
आम नागरिक के साथ-साथ राजनीतिक दल, निर्दलीय प्रत्याशी सहित कोई भी शिकयात संबंधित जिला निर्वाचन अधिकारी, क्षेत्रीय निर्वाचन अधिकारी के पास दर्ज करा सकता है। यह प्रणाली आचार संहिता प्रभावी होने की तिथि 16 नवंबर तक चौबीस घंटे कार्यरत है।
सभी एजेंसियों को एक साथ मिल जाती है शिकायत
आयोग के अनुसार सी-विजिल एंड्राइड एप्लिकेशन है। यह केवल लाइव फोटो, वीडियो और आटो लोकेशन को कैप्चर करता है, ताकि फ्लाइंग स्क्वाड को समयबद्ध तरीके से कार्य करने के लिए डिजिटल साक्ष्य प्राप्त हो सके।
इसका उपयोग कर आमजन, मतदाता, पार्टी के कार्यकर्ता व प्रत्याशी राजनीतिक कदाचार की घटनाओं को देखते ही तत्काल कुछ ही मिनट में इसकी रिपोर्ट कर सकते हैं, उन्हें इसके लिए रिटर्निंग अधिकारी के कार्यालय में भी नहीं जाना पड़ेगा।
सी-विजिल जागरूक नागरिकों को जिला नियंत्रण कक्ष, रिटर्निंग अधिकारी और फील्ड यूनिट (फ्लाइंग स्क्वाड) व निगरानी दलों के साथ जोड़ता है। शिकायत दर्ज करने से पहले आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने वाली गतिविधि की एक तस्वीर या दो मिनट का वीडियो बनाएं और संक्षिप्त में विवरण दें।
शिकायत के साथ कैप्चर की गई जीआइएस जानकारी स्वतः इसे संबंधित जिला नियंत्रण कक्ष को भेज दी जाती है, जिससे फ्लाइंग स्क्वाड को कुछ ही मिनटों में घटनास्थल पर भेज दिया जाता है। |