दीवाली मनाने के दौरान हुए हादसे  
 
 
  
 
  
 
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। दीवाली मनाने के दौरान हुए हादसों में भुवनेश्वर और कटक में 100 से अधिक लोग झुलस जाने की सूचना मिली है।  
 
जानकारी के मुताबिक, दोपहर 2 बजे से रात 11 बजे के बीच कुल 62 लोगों को राजधानी अस्पताल लाया गया। ये सभी लोग पटाखे जलाते समय शरीर के विभिन्न हिस्सों में जलने की चोटों से घायल हुए थे।  
 
इसी तरह, कटक शहर के अलग-अलग इलाकों से 40 से अधिक लोगों को एससीबी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में भर्ती कराया गया, जिन्हें दिवाली मनाने के दौरान जलने की चोटें आईं। इसके अलावा, राज्य के अन्य जिलों से भी गंभीर रूप से घायल लोगों को जलने की चोटों के इलाज के लिए सरकारी अस्पताल में लाया गया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
इसी बीच, भुवनेश्वर के गोपबन्धु चौक पर धुएं की वजह से कम दृश्यता के चलते एक कार और स्कूटी की आमने-सामने टक्कर हो गई। हादसे में बाइक सवार गंभीर रूप से घायल हो गया और उसे इलाज के लिए एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया।  
 
राजधानी के तमांडो थाना क्षेत्र में एक और दुखद हादसे में एक युवक सड़क किनारे घायल अवस्था में मिला। बताया जा रहा है कि उसे किसी अज्ञात वाहन ने टक्कर मारी थी। उसे बचाकर अस्पताल ले जाया गया।  
ओडिशा का हर कोना रोशनी से हुआ रौशन: पटाखों की गूंज से थर्रा उठा रात का आकाश  
 
दीपों का पर्व दीपावली ओडिशा में धूमधाम और धार्मिक उल्लास के साथ मनाया गया। राज्यभर में घरों से लेकर गलियों तक दीपों की पंक्तियां सजाईं गईं। भुवनेश्वर, कटक और पुरी सहित सभी शहरों और गांवों में रोशनी का नज़ारा देखते ही बन रहा था। रंग-बिरंगी लाइटों और जगमगाते दीयों ने हर कोने को रोशन कर दिया, जबकि रात का आकाश पटाखों की गूंज से थर्रा उठा।  
 
अंधकार पर प्रकाश की विजय के प्रतीक इस पर्व पर श्रद्धालुओं ने मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना कर सुख-समृद्धि की कामना की। मिठाइयों की खुशबू और अपनों के साथ मिलन ने त्यौहार की रौनक को और बढ़ा दिया।  
 
वहीं, राजधानी क्षेत्र में कमिश्नरेट पुलिस ने सुरक्षा और प्रदूषण नियंत्रण के मद्देनज़र कड़े इंतज़ाम किए थे। पुलिस ने निर्देश जारी कर कहा था कि पटाखे केवल शाम 7 से 9 बजे तक ही फोड़े जा सकेंगे। नियम तोड़ने वालों पर कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई थी।  
 
इन पाबंदियों के बावजूद लोगों के उत्साह में कोई कमी नहीं रही। रात 12 बजे तक राजधानी में आसमान पटाखों की गूंज से गुजता रहा। परिवारों ने एक साथ दीप जलाए, मिठाइयां बांटीं और मां लक्ष्मी की पूजा कर सुख-समृद्धि की कामना की।  
 
ओडिशा का आकाश दीपों की जगमगाहट और आनंद से भर उठा, जहां नागरिकों ने खुशी और जागरूकता के साथ मिलकर एक ऐसी दीपावली मनाई, जो भक्ति, सुरक्षा और सामूहिक जिम्मेदारी का प्रतीक बनी।  
 
दीपों की जगमगाहट, खुशियों की चहक और श्रद्धा की भावना से भरा यह त्योहार इस बार भी ओडिशा में भक्ति, सुरक्षा और जागरूकता का अनूठा संगम बन गया। |