पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव  
 
  
 
डिजिटल डेस्क, पटना। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने सोमवार को बिहार विधानसभा चुनावों के लिए अपने 143 उम्मीदवारों की सूची की घोषणा की, जिनमें से कम से कम चार अन्य इंडिया ब्लॉक घटकों के उम्मीदवारों के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे। वहीं इस लिस्ट में सभी पार्टियों से ज्यादा महिला उम्मीदवारों के नाम हैं।  विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
दूसरे और अंतिम चरण के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने से कुछ घंटे पहले सूची जारी की गई। इसने अफवाहों पर विराम लगा दिया कि राजद कुटुंबा सीट पर चुनाव लड़ने जा रहा था, जो वर्तमान में राज्य कांग्रेस अध्यक्ष राजेश कुमार राम के पास है, जिससे दोनों सहयोगियों के बीच पूर्ण टकराव हो सकता था।  
 
बहरहाल, पार्टी वैशाली, लालगंज और कहलगांव में कांग्रेस के खिलाफ और तारापुर में पूर्व राज्य मंत्री मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी के खिलाफ चुनाव लड़ेगी।  
 
इससे पहले, राजद ने गौरा बौराम से अफजल अली को पार्टी का चुनाव चिन्ह दिया था हालांकि, अफजल ने अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है और उसे वापस नहीं लिया है।  
 
राजद सूत्रों ने कहा कि हालांकि कार्यकर्ताओं द्वारा सहनी का चुनाव में समर्थन किए जाने की संभावना है, लेकिन भ्रम की काफी गुंजाइश बनी रहेगी क्योंकि अफजल पार्टी के चुनाव चिह्न का इस्तेमाल कर प्रचार कर सकते हैं।  
लिस्ट पर इन नामों ने खींचा ध्यान  
 
उम्मीदवारों में उल्लेखनीय हैं, तेजस्वी यादव (राघोपुर), आलोक मेहता (उजियारपुर), मुकेश रौशन (महुआ) और अख्तरुल इस्लाम शाहीन (समस्तीपुर), ये सभी अपनी मौजूदा सीटों का बचाव करेंगे।  
 
राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के निजी सहयोगी भोला यादव, जिन्होंने 2015 में बहादुरपुर सीट भी जीती थी, लेकिन पांच साल बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जद(यू) से पार्टी के हारने पर चुनाव हार गए थे, मंत्री मदन सहनी से इसे वापस छीनने की कोशिश करेंगे।  
 
पूर्व स्पीकर अवध बिहारी चौधरी को अपनी मौजूदा विधानसभा सीट बरकरार रखने की अनुमति दी गई है। अवध बिहारी को पिछले साल लोकसभा चुनाव में सीवान से चुनाव लड़ने पर जेडी(यू) के एक नौसिखिए ने हरा दिया था,  
 
पूर्व शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर, जो हिंदू धर्मग्रंथों पर अपने विवादास्पद विचारों के लिए चर्चा में रहे हैं, को भी उनकी मौजूदा सीट मधेपुरा से टिकट दिया गया है। पार्टी के \“एमवाई\“ (मुस्लिम-यादव) जनाधार को उम्मीदवारों के चयन में ध्यान में रखा गया है, हालांकि अन्य पिछड़ी जातियों और सवर्णों को भी टिकट दिए गए हैं।  
 
मुख्य विपक्षी दल 21 महिलाओं को मैदान में उतारने पर भी गर्व कर सकता है, जो उसके मुख्य प्रतिद्वंद्वियों जेडी(यू) और भाजपा से कहीं अधिक है।  
बाहुबलियों के परिवार को भी मिला टिकट  
 
सत्ता में रहते हुए \“जंगल राज\“ लाने का आरोप लगने के बाद भी राजद ने बाहुबली नेताओं के परिवार को मैदान में उतारा है। इसमें गैंगस्टर से नेता बने बोगो सिंह (मटिहानी) खुद मैदान में हैं।  
 
वहीं ओसामा शहाब को अपने दिवंगत पिता मोहम्मद शहाबुद्दीन की विरासत को आगे बढ़ाने का मौका रघुनाथपुर से मिला है, जो सीवान लोकसभा सीट के अंतर्गत आता है। यहीं से शहाबुद्दीन आपराधिक मामलों में दोषी ठहराए जाने के बाद अयोग्य घोषित होने तक अपराजित रहे थे।  
 
महिलाएं भी अपने \“बाहुबली\“ पतियों और पिताओं की विरासत को आगे बढ़ाने में पीछे नहीं हैं। गैंगस्टर से नेता बने सूरजभान सिंह की पत्नी, पूर्व सांसद वीणा देवी, मोकामा में अपने पति के कट्टर प्रतिद्वंद्वी अनंत सिंह को चुनौती देंगी।  
 
लंदन से कानून की डिग्री हासिल करने वाली पहली उम्मीदवार शिवानी शुक्ला लालगंज से मैदान में उतरी हैं। राजद में शामिल हुए पूर्व विधायक कौशल यादव और उनकी पत्नी पूर्णिमा देवी को क्रमशः नवादा और गोविंदपुर सीट से टिकट दिया गया है, जहां से वे पहले अन्य दलों के लिए जीते थे।  
 
समाचार एजेंसी PTI के इनपुट के साथ  |