सम्राट चौधरी भी मैदान में। (जागरण फोटो)  
 
  
 
राम प्रवेश सिंह, हवेली खड़गपुर (मुंगेर)। तारापुर विधानसभा क्षेत्र में एक बार फिर से राजनीतिक समीकरण बदलता दिख रहा है। 30 वर्षों के बाद इस सीट पर भाजपा ने अपने कद्दावर नेता और वर्तमान उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को अपना प्रत्याशी बनाया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
सम्राट चौधरी और इनके परिवार की इस क्षेत्र में अपनी एक अलग ही पहचान है और उनके परिवार का इस सीट पर दबदबा रहा है। सम्राट चौधरी के पिता शकुनी चौधरी इस सीट से छह बार विधायक रह चुके हैं। इन्होंने 1995 में ने भाजपा के दिलीप रंजन को हराकर इस सीट पर अपना कब्जा जमाया था।  
 
तब से लेकर अब तक इस सीट पर कई उतार-चढ़ाव देखे गए हैं, लेकिन सम्राट चौधरी के नामांकन के बाद एक बार फिर से इस सीट पर राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है। अब सम्राट चौधरी तारापुर से कमल खिलाने के लिए मैदान में है।  
चुनावी माहौल और विपक्ष की रणनीति  
 
तारापुर विधानसभा सीट पर इस बार का चुनाव काफी दिलचस्प होने वाला है। विपक्षी दलों ने अभी तक अपने उम्मीदवारों के नाम की घोषणा नहीं की है, लेकिन माना जा रहा है कि महागठबंधन सम्राट चौधरी के खिलाफ एक मजबूत उम्मीदवार उतार सकते हैं।  
 
अब देखना यह है कि सम्राट चौधरी अपनी राजनीतिक सूझबूझ और भाजपा के समर्थन के साथ इस सीट पर जीत हासिल कर पाते हैं या नहीं।  
सम्राट का राजनीतिक सफर  
 
सम्राट चौधरी की राजनीतिक यात्रा काफी दिलचस्प रहा है। वे हमेशा से विधान परिषद के सदस्य नहीं थे, बल्कि पहले राजद के टिकट पर दो बार विधायक बने हैं।  
 
खगड़िया जिले की परबत्ता सीट से सम्राट चौधरी पहली बार वर्ष 2000 और दूसरी बार 2010 में विधानसभा पहुंचे थे। वे राज्य सरकार में मंत्री भी रह चुके है। इसके बाद उन्होंने भाजपा का दामन थामा और उपमुख्यमंत्री पद को सुशोभित किया।  
विधानसभा का मौजूदा समीकरण  
 
तारापुर विधानसभा क्षेत्र में लगभग 3.10 लाख मतदाता हैं। इस सीट पर कुशवाहा (कोइरी) समुदाय का दबदबा माना जाता है। यहां अनुसूचित जाति के 15.1 और 6.8 फीसद मुस्लिम मतदाता हैं। वैश्य समाज के वोटरों की संख्या लगभग 40 हजार है। तारापुर में शकुनी चौधरी का सियासी दबदबा जगजाहिर है। वह खुद यहां से छह बार विधायक रह चुके हैं।  
 
उनकी पत्नी ने भी एक बार जीत हासिल की। 2015 के विधानसभा चुनाव में हार के ठीक चार साल बाद 2019 में शकुनी चौधरी ने सियासत से संन्यास ले लिया। उनके बेटे सम्राट चौधरी बिहार के डिप्टी सीएम और भाजपा के बड़े नेता हैं।  
 
    वर्ष विजेता पार्टी  
    
    
   1952  
   बासुकीनाथ राय  
   कांग्रेस  
    
    
   1957  
   बासुकीनाथ राय  
   कांग्रेस  
    
    
   1962  
   जय मंगल सिंह  
   कांग्रेस  
    
    
   1967  
   बीएन प्रशांत  
   संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी  
    
    
   1969  
   तारिणी प्रसाद सिंह  
   शोषित दल  
    
    
   1972  
   तारिणी प्रसाद सिंह  
   कांग्रेस  
    
    
   1977  
   कौशल्या देवी  
   जनता पार्टी  
    
    
   1980  
   नारायण यादव  
   सीपीआई  
    
    
   1985  
   शकुनी चौधरी  
   निर्दलीय  
    
    
   1990  
   शकुनी चौधरी  
   कांग्रेस  
    
    
   1995  
   शकुनी चौधरी  
   समता पार्टी  
    
    
   1998 (उपचुनाव)  
   पार्वती देवी  
   समता पार्टी  
    
    
   2000  
   शकुनी चौधरी  
   राजद  
    
    
   2005 (फरवरी)  
   शकुनी चौधरी  
   राजद  
    
    
   2005 (नवंबर)  
   शकुनी चौधरी  
   राजद  
    
    
   2010  
   नीता चौधरी  
   जदयू  
    
    
   2015  
   मेवालाल चौधरी  
   जदयू  
    
    
   2020  
   मेवालाल चौधरी  
   जदयू  
    
    
   2021 (उपचुनाव)  
   राजीव कुमार सिंह  
   जदयू  
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