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बाराबंकी में धमकी से तंग आकर कारोबारी ने की थी आत्महत्या, सुसाइड नोट से खुला राज

LHC0088 2025-10-14 17:37:05 views 956

  

मृतक के भाई ने दिया चार पन्ने का सुसाइड नोट। जागरण  



संवादसूत्र, जागरण बाराबंकी। कपड़ा व्यापारी नीरज जैन कर्ज में डूबे हुए थे और रुपये देने वाले उस पर लगातार दबाव बना रहे थे। पुलिस को मामले में चार पेज का एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें एक सेवानिवृत्त निरीक्षक सहित कई लोगों पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। वहीं, एक 15:26 मिनट की काॅल रिकाॅर्डिंग भी प्रसारित हो रही है, जिसमें नीरज जैन को रुपये के लिए धमकाया जा रहा है। यह रिकाॅर्डिंग 21 मई की बताई जा रही है।

कोतवाली नगर के लक्ष्मणपुरी कालोनी में किराए पर रहने वाले कपड़ा व्यापारी नीरज जैन का 12 अक्टूबर की रात घर में खून से लतपथ शव मिला था। उनके सीने पर गोली लगी थी। बताया जाता है कि उन्होंने अपनी लाइसेंसी रिवाल्वर से गोली मारकर जान दे दी है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

इस मामले में जो सुसाइड नोट पुलिस को मिला है, वह मृतक के छोटे भाई धीरज ने पुलिस को दिया है, जो सबसे पहले उसके मकान में पहुंचे थे और पुलिस को सूचना दी थी। एसपी अर्पित विजयवर्गीय ने भी घटना स्थल का जायजा लिया।

घटना के समय नीरज अकेले थे। उनकी पत्नी पूजा नोएडा में रहकर पढ़ाई कर रहे पुत्र के पास गई थी। घर पर काम करने वाले युवक आर्यन उनके लिए खाना लेने गया था। बताया जा रह है कि जब दरवाजा खोलकर पुलिस अंदर पहुंची तो शव जमीन पर पड़ा था, वहां बियर की केन भी रखी थी।

पुलिस ने रिवाल्वर, खोखा, मोबाइल और अन्य चीजों को साक्ष्य के तौर पर कब्जे में ले लिया है। नोएडा से पत्नी और पुत्र के आने के बाद पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया।

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पूर्व मंत्री व व्यापारी पहुंचे

यह घटना पूरे जिले में चर्चा का विषय रही। पोस्टमार्टम हाउस में तमाम व्यापारी सहित पूर्व मंत्री अरविंद सिंह गोप भी पहुंचे और परिवारजन को सांत्वना दी।

सुसाइड नोट में व्यथा

नीरज के सुसाइड नोट में लिखा है कि वह अब भी हिम्मत न हारता, लेकिन कुछ लोगों ने बहुत परेशान कर दिया था, अगर कुछ बहुत पूंजी मेरे पास होती तो अब भी मैं अपना व्यापार चलाकर सबका लेनदेन कर सकता था, सबसे ज्या परेशान हमको उमाकांत उपाध्याय जो मंटू के पापा हैं उन्हें और लखनऊ वाले रंजीत बलराम ने कर रखा था। वीर बहादुर, रंजीत शुक्ला, शुभम वर्मा पर आरोप लगाया है कि इन लोगों ने उनको धोखा दिया, जिससे उनका पूरा व्यापार फेल हो गया।

जरूरतमंद को दे दें आंख

मृतक के सुसाइड नोट में यह भी लिखा है कि उनके मृत शरीर को मेडिकल कालेज में दान कर दें और उनकी आंख भी किसी जरूरतमंद को दान कर दी जाए।

हमराज हैं संजीव भाई

मृतक के सुसाइड नोट के अनुसार उनके हमराज संजीव भाई हैं। उनको हमसफर और हमराज कहते हुए उनको आखिरी नमस्कार भी लिखा है। संजीव से पूछताछ में पूरे मामले में अहम जानकारी पुलिस को मिल सकती है।


सभी पहलुओं पर जांच की जा रही है। मृतक के भाई ने पुलिस को सुसाइड नोट दिया है उसको भी जांच में शामिल किया जाएगा। अभी तहरीर नहीं मिली है, मिलने पर मुकदमा दर्ज किया जाएगा।


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अर्पित विजयवर्गीय, पुलिस अधीक्षक
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