पुलिस दोनों से पूछताछ कर रही है।  
 
  
 
राज्य ब्यूरो, जागरण, श्रीनगर। अतिरिक्त महाक्राइम ब्रांच कश्मीर की आर्थिक अपराध शाखा और सोपोर पुलिस की अपराध के खिलाफ जारी मुहिम में बड़ी सफलता मिली है। क्राइम बांच ने जहां वर्ष 2021 यानी की चार साल जबकि सोपोर पुलिस ने वर्ष 2017 यानी आठ सालों से फरार अपराधियों को दबोच कर अपराधियों को सख्त संदेश दिया है कि कानून के हाथों से कोई भी अपराधी बच नहीं सकता। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
अतिरिक्त महाक्राइम ब्रांच कश्मीर की आर्थिक अपराध शाखा ने चार वर्ष से फरार एक व्यक्ति को हिरासत में लिया है। रविवार को उसे एक स्थानीय आदलत में पेश किया गया। आरोपी की पहचान खालिद साहनी पुत्र फारूक साहनी निवासी रेशी मोहल्ला, शहीद गंज, श्रीनगर के रूप में हुई है।  
2021 में दर्ज हुआ था मामला  
 
क्राइम ब्रांच श्रीनगर के अनुसार आरोपित को हिरासत में लेने के लिए वारंट न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, वैलू, जिला अनंतनाग की अदालत ने तीन दिसंबर 2021 को सीआरपीसी की धारा 512 के तहत जारी किया था। पुलिस स्टेशन क्राइम ब्रांच कश्मीर ने उसके खिलाफ मामला दर्ज किया था। आरोपित व्यक्ति पिछले चार वर्षों से गिरफ्तारी से बच रहा था।  
अदालत ने न्यायिक हिरासत में भेजा  
 
विश्वसनीय सूचनाओं के आधार पर, आर्थिक अपराध शाखा (क्राइम ब्रांच कश्मीर) ने बीते शनिवार को आरोपित को गिरफ्तार कर लिया। रविवार को उसे न्यायालय में पेश किया गया, जहां न्यायालय ने उसकी न्यायिक हिरासत का आदेश दिया और उसे श्रीनगर सेंट्रल जेल में रखने का निर्देश दिया।आरोपित की वित्तीय धोखाधड़ी के एक मामले में तलाश थी।  
क्राइम ब्रांच ने कहा कानून से बचना मुश्किल  
 
क्राइम ब्रांच के अधिकारियों के अनुसार इस गिरफ्तारी के साथ लंबे समय से लंबित 512 सीआरपीसी वारंट अब जाकर सफल हुआ है। क्राइम ब्रांच कश्मीर यह सुनिश्चित करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराती है कि आर्थिक अपराधों में शामिल अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाया जाए, चाहे वे कानून से बचने की कितनी भी कोशिश क्यों न करें।  
आठ वर्ष से फरार अपराधी सोपोर में गिरफ्तार  
 
उत्तरी कश्मीर के सोपोर में रविवार को पुलिस ने एक वांछित आरोपी को गिरफ्तार किया जो पिछले आठ वर्षों से गिरफ्तारी से बच रहा था। पुलिस ने दावा कि वे भगोड़ों और घोषित अपराधियों पर अपनी कार्रवाई निरंतर जारी रखे हुए है।गिरफ्तार व्यक्ति की पहचान जाविद अहमद अहंगर पुत्र अली मोहम्मद अहंगर निवासी जुडिनाम्बल पंजला के रूप में हुई है।  
2017 से फरार चल रहा था जाविद  
 
पुलिस स्टेशन सोपोर में उसके खिलाफ आरपीसी की धारा 457 और 380 के तहत एफआइआर दर्ज है। आरोपित गिरफ्तारी से बचने के लिए 2017 से फरार था। विशेष सूचना के आधार पर सोपोर पुलिस की एक टीम ने लगातार प्रयासों के बाद उसे सफलतापूर्वक ढूंढ निकाला और गिरफ्तार कर लिया।  
सोपोर की सहायक जेल में किया बंद  
 
कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद उसे सोपोर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया और बाद में उसे सोपोर की सहायक जेल में बंद कर दिया गया। सोपोर पुलिस ने कहा कि वे भगोड़ों और घोषित अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता दोहराती है यह सुनिश्चित करते हुए कि कानून से बचने वाला कोई भी व्यक्ति उसकी पहुंच से बाहर न रहे। |   
                
                                                    
                                                                
        
 
    
                                     
 
 
 |