प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई फाइल फोटो। (जागरण)
राजीव प्रसाद सिंह, एकंगरसराय। इस बार इस्लामपुर विधानसभा क्षेत्र में राजनीतिक समीकरण दिलचस्प होता दिख रहा है। महागठबंधन और एनडीए दोनों में संभावित प्रत्याशियों के नाम लगभग तय माना जा रहा है।
केवल औपचारिक घोषणा शेष है। ऐसे में टिकट की दौड़ में पीछे रह गए कई महत्वाकांक्षी नेता अब जन सुराज को अपनी राजनीतिक जमीन दोबारा तैयार करने के लिए उपयुक्त मंच मान रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार, टिकट से वंचित कुछ नेता जन सुराज के जरिए सक्रिय रूप से अपनी दावेदारी मजबूत करने में लगे हैं। इसी क्रम में क्षेत्र के एक पूर्व विधायक ने अपने पुराने राजनीतिक मित्र, जो वर्तमान में जन सुराज के जिलाध्यक्ष हैं और एक अन्य जो उनकी पार्टी के राष्ट्रीय संगठन के प्रमुख रह चुके हैं से संपर्क साधा है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
जिलाध्यक्ष ने शुरू की पैरवी
बताया जाता है कि जिलाध्यक्ष ने भी पूर्व विधायक के पक्ष में पैरवी शुरू कर दी है और संगठन के भीतर अपनी पकड़ का इस्तेमाल कर टिकट दिलाने की पूरी कोशिश में जुट गए हैं।
जन सुराज में यह हलचल अब अंदर खाने से बाहर आकर राजनीतिक चर्चाओं का केंद्र बन चुकी है। जिलाध्यक्ष भी संभवतः कुछ नया करने के फिराक में हैं, ताकि पार्टी को क्षेत्र में एक सशक्त चेहरा मिल सके। हालांकि, टिकट पर अंतिम निर्णय अभी होना बाकी है।
जानकारों के अनुसार, टिकट की दौड़ में शामिल नेता का कहना है कि टिकट पर मेरा हक था, लेकिन मेरे हक का निवाला मुझसे छीन लिया गया है। इसी कारण अब उनका मुख्य लक्ष्य किसी भी सूरत में जदयू प्रत्याशी को पराजित करना है।
जन सुराज के मंच पर अब कई ऐसे चेहरे सक्रिय हो चुके हैं, जो पहले पारंपरिक दलों से जुड़े रहे हैं। ऐसे में इस बार इस्लामपुर की सियासत में जन सुराज की भूमिका निर्णायक रहने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। |