भिवानी में मिड डे मील कर्मियों का आक्रोश, सरकार को प्रदर्शन की चेतावनी; क्या है मांगें?
संवाद सहयोगी, बाढड़ा। मिड डे मील कार्यकर्ताओं ने न्यूनतम वेतन बढ़ोतरी, पक्की नौकरी, बकाया भुगतान, पेंशन लाभ इत्यादि मांगों को लेकर 28 अक्टूबर को जिला मुख्यालय पर रोष प्रदर्शन करने का फैसला लिया है।
यह जानकारी बाढड़ा बिजली घर परिसर में मिड डे मील कार्यकर्ताओं की प्रधान राकेश देवी की अध्यक्षता में हुई बैठक में सीटू राज्य उपाध्यक्ष कामरेड सुखबीर सिंह ने दी। उन्होंने कहा कि कई महीनों से वर्कर्स का मानदेय नहीं दिया जा रहा है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
वर्दी का पैसा भी स्कूलों में नहीं मिल रहा। मानदेय में कटौती की जा रही हैं। सरकार व प्रशासन मिड डे मील वर्कर्स का शोषण कर रहे हैं। मानदेय भी दस महीने मिलता है जबकि काम करीब 11 महीने करना पड़ता है। इसलिए शिक्षकों व अन्य स्टाफ की तरह बारह महीने का वेतन मिलना चाहिए। 26000 रुपये से कम वेतन नहीं होना चाहिए।
करीब 30 साल से यह योजना जारी है। लेकिन जिन वर्करों ने इस योजना में सालों काम किया उन्हें सेवानिवृत्ति के समय एक रुपया तक नहीं मिलता। स्कूल में डयूटी के दौरान दुर्घटनाओं होने पर भी वर्कर को किसी प्रकार की आर्थिक मदद का प्रावधान नहीं है। जिला सचिव सुमेर सिंह धारणी व मिड डे मील ब्लाक कोषाध्यक्ष अंजू देवी ने कहा कि महिलाओं के सशक्तिकरण का दावा करने वाली केंद्र सरकार द्वारा पिछले 11 साल से मिड डे मील वर्कर्स के मानदेय में एक रुपये की भी बढ़ोतरी नहीं की गई। कम बच्चों वाले स्कूलों को बंद किया जा रहा है।
इस दौरान मिड डे मील वर्कर कविता देवी, निर्मला देवी, राकेश कुमार, सुनीता देवी, मुकेश खोसला, सुनीता, अनिता, सरोज, सुशीला, भतेरी देवी, राजबाला, सुमन, कौशल्या भी मौजूद रहीं। |