cy520520 • 2025-10-12 15:36:36 • views 371
मदन पांचाल, गाजियाबाद। जिले में प्राइवेट अस्पतालों के सापेक्ष सरकारी अस्पताल संस्थागत प्रसव कराने में पिछड़ रहें हैं। जिला स्वास्थ्य समिति के समक्ष रखी गई रिपोर्ट के अनुसार जिला महिला अस्पताल के साथ कई सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर भी लक्ष्य के सापेक्ष कम प्रसव कराये जा रहे हैं। यह स्थिति तब है जबकि सुरक्षित एवं संस्थागत प्रसव कराने के लिए जिले में एक हजार से अधिक आशा कार्यकर्ताओं को भत्ते के आधार पर रखा गया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
सितंबर माह की रिपोर्ट में सबसे कम संयुक्त अस्पताल में प्रसव हुए हैं। नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की प्रगति भी अच्छी नहीं है। रिपोर्ट के अनुसार चालू वित्त वर्ष में प्राइवेट अस्पतालों में 95788 और सरकारी अस्पतालों में 19288 प्रसव कराने कराने का लक्ष्य निर्धारित है। अप्रैल से सिंतबर तक का प्राइवेट में 38250 और सरकारी अस्पतालों में नौ हजार प्रसव कराए कराने का लक्ष्य हैं।
लक्ष्य के सापेक्ष सितंबर तक प्राइवेट अस्पतालों में कुल 37479 और सरकारी अस्पतालों में 9483 प्रसव कराये गये हैं। लक्ष्य से थोड़ा अधिक प्रसव तो कराए गए हैं लेकिन प्राइवेट अस्पतालों से बहुत कम प्रसव कराने की रिपोर्ट है। यह स्थिति तब है जबकि जिला महिला अस्पताल और संयुक्त अस्पताल में महिला विशेषज्ञों की कमी नहीं है। कई सीएचसी फर्स्ट रेफरल यूनिट में दर्ज है। सर्जन भी तैनात किये गये हैं।
पता चला है कि सरकारी अस्पतालों में सिजेरियन प्रसव करने से चिकित्सक बचते हैं। कई अस्पतालों में तो महीने में दो चार प्रसव ही कराये जा रहे हैं। इसमें डूंडाहेडा अस्पताल सबसे पीछे है। उधर सीएमओ डॉ. अखिलेश मोहन का दावा है कि प्रसव सरकारी अस्पतालों में प्रसव अच्छे हो रहे हैं। प्राइवेट से जरूर कम हैं। इसमें सुधार के लिए प्रयास जारी हैं।
अप्रैल से सितंबर माह तक सरकारी अस्पतालों में कराए गए प्रसव
अस्पताल लक्ष्य प्रसव
सीएचसी डासना
2100
1076
सीएचसी लोनी
4788
2222
पीएचसी भोजपुर
750
535
सीएचसी मोदीनगर
650
369
सीएचसी मुरादनगर
1500
760
महिला अस्पताल
6500
3269
संयुक्त अस्पताल
1400
509
50 बेडेड लोनी
1200
570
सीएचसी बम्हैटा
100
65
53 नगरीय केंद्र
300
128
|
|