Vinayak Chaturthi 2025: विनायक चतुर्थी व्रत कथा का पाठ।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी का व्रत रखा जाता है। यह दिन प्रथम पूज्य भगवान गणेश को समर्पित है और इस दिन उनकी विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। हिंदू धर्म में किसी भी शुभ काम से पहले गणेश जी की पूजा करने का विधान है, क्योंकि उन्हें विघ्नहर्ता माना जाता है। विनायक चतुर्थी (Vinayak Chaturthi 2025) के दिन व्रत रखने के साथ-साथ उसकी व्रत कथा का पाठ भी जरूर करना चाहिए। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
ऐसा माना जाता है कि इस कथा को सुनने मात्र से जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं, तो आइए यहां पढ़ते हैं -
विनायक चतुर्थी व्रत कथा (Vinayak Chaturthi 2025 Katha)
पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार गणेश जी को चंद्र देव के अहंकार को तोड़ने के लिए एक लीला करनी पड़ी। गणेश जी को उनके गज-मुख और बड़े पेट के कारण एक बार चंद्रमा ने उपहास किया। चंद्र देव के इस व्यवहार से गणेश जी बहुत क्रोधित हुए और उन्होंने चंद्रमा को श्राप दिया कि जो कोई भी उन्हें चतुर्थी के दिन देखेगा, उसे झूठे आरोपों का सामना करना पड़ेगा और उसके जीवन में कलंक लगेगा।
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गणेश जी के इस श्राप के कारण चंद्रमा का तेज भी घट गया और वे बहुत परेशान हो गए। इस घटना से सभी देवता भी चिंतित हो गए। कुछ समय बाद, भगवान कृष्ण पर स्यमंतक मणि चोरी का झूठा आरोप लगा। ऐसा कहते हैं कि यह आरोप विनायक चतुर्थी के दिन चंद्र दर्शन के कारण ही लगा था। आरोप से मुक्ति पाने के लिए भगवान कृष्ण ने चतुर्थी का व्रत किया और गणेश जी की पूजा की।
जब देवताओं ने गणेश जी से इस श्राप को वापस लेने की प्रार्थना की, तो गणेश जी ने कहा कि श्राप पूरी तरह से वापस नहीं लिया जा सकता, लेकिन इसका प्रभाव कम किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जो कोई भी चतुर्थी के दिन मेरी पूजा करेगा और इस कथा को पढ़ेगा या सुनेगा, उस पर झूठे आरोप नहीं लगेंगे और उसके सभी संकट दूर हो जाएंगे।
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