cy520520 • 2025-10-11 21:37:23 • views 189
छेर नदी की बाढ़ से सैकड़ों एकड़ धान की फसल बर्बाद
दिलीप ओझा, शाहपुर(आरा)। छेर नदी में अचानक आई बाढ़ के कारण सैकड़ो एकड़ में लगी धान की खड़ी फसल बर्बाद होने के कगार पर है। धान की खड़ी फसलों में पिछले दस दिनों से चार से पांच फीट पानी भर गया है। जिसके कारण धान के फसल पर प्रतिकूल असर पड़ा रहा है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
धान की फसल बर्बाद होने के कारण किसानों को भारी क्षति होने की आशंका जताई जा रही हैं। किसानों द्वारा बताया गया कि करीब चार दिन तक बाढ़ का पानी धान के फसल के ऊपर तक रहा। इसके बाद अब तक खेत में तीन से चार फीट पानी भरा हुआ।
धान के पौधों में बालियां फूटने वाली नहीं
धान के खेतों को देखने से लगता है कि धान के पौधों में बालियां फूटने वाली नहीं है। क्योंकि धान के पौधे नीचे से गिरने भी शुरू हो चुके हैं। जिससे लगता है कि नदी के किनारे पर पांच से सात सौ एकड़ धान की खड़ी फसल बर्बाद हो चुकी है। जिसमें शाहपुर, रंदाडीह, बिलौटी,रूद्रनगर व गऊदाढ़ मौजा शामिल है।
शाहपुर के रंगलाल यादव ने बताया कि खेतो में अभी भी बाढ़ का पानी भरा हुआ है। जिसको निकलने में समय लगेगा। रुद्रनगर के किसान कृष्णाकान्त सिंह ने बताया कि अब लगता है कि धान की फसल पूरी तरह से नष्ट हो चुका है। पौधें अब गलक कर खेतो में ही गिरने शुरू हो चुके हैं।
कृषि उत्पाद संगठन खांटी एग्रो फार्मर्स प्रोड्यूसर कंपनी के निदेशक उमेश चंद्र पांडे ने कहा कि छेर नदी में बाढ़ आने से किसानों को भारी क्षति हुई है। जब धान फूटने वाला है और वह डूब जाय। खेतों में अब भी पानी भरा हुआ है।
इससे स्पष्ट है कि अब धान की खेती नष्ट हो चुकी है। ऐसे में कृषि विभाग को फसल क्षति का आकलन कर किसानों को मुआवजा देना चाहिए।
कृषि वैज्ञानिक डॉ. प्रवीण कुमार द्विवेदी ने बताया कि यदि पौधा पानी से जैसे ही बाहर निकले उसमें 15 ग्राम 0:52:34,तीन ग्राम सल्फर, दो ग्राम जिंक, दो ग्राम बोरान व 15 ग्राम ग्लूकोज़ का अलग अलग घोल बना ले। घोल को मिश्रित कर पांच लीटर प्रति कट्ठा छिड़काव करें। इससे पौधों में बालियां फुटनी शुरू हो जाएगी। |
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