Forgot password?
 Register now
deltin51
Start Free Roulette 200Rs पहली जमा राशि आपको 477 रुपये देगी मुफ़्त बोनस प्राप्त करें,क्लिकtelegram:@deltin55com

2008 लालू ने किया शिलान्यास, 2015 में पीएम मोदी ने दिया भरोसा फिर भी रेल कारखाना का वादा अधूरा

LHC0088 2 hour(s) ago views 726

  

डालमियानगर में रेल कारखाना लगने का डेढ़ दशक से इंतजार



उपेंद्र मिश्र, डेहरी आन-सोन (रोहतास)। डेहरी विधानसभा सभा में करीब साढ़े पांच दशक तक बिहार के उद्योग जगत का सरताज रहा डालमियानगर उद्योग समूह पिछले तीन दशक से अपनी खोई हुई रौनक वापस पाने की बाट जोह रहा है।

लगभग साढ़े तीन दशक से परिसमापन में चल रहे रोहतास उद्योग समूह को रेलवे ने क्रय करने के बाद 22 नवंबर 2008 में यूपीए सरकार में लोकसभा चुनाव के पहले रेलमंत्री रहे लालू प्रसाद यादव द्वारा यहां हाई एक्सेल बोगी व कॉप्लर निर्माण कारखाना का शिलान्यास भी किया गया, लेकिन बात उससे आगे नहीं बढ़ सकी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
बिहार के उद्योग जगत में अंधेरा छाया

शक्कर, कागज, वनस्पति तेल, सीमेंट, रसायन और एस्बेसटस उद्योग के लिए विख्यात डालमियानगर समूह ने पांच दशक तक इस क्षेत्र में रौनक बनाए रखी थी, लेकिन वर्ष 1984 में डालमियानगर उद्योग समूह के नाम से मशहूर 219 एकड़ क्षेत्र में फैले इस उद्योग पुंज का चिराग जब बुझा तो बिहार के उद्योग जगत में अंधेरा छा गया।

करीब 25 साल बंद रहने के बाद जब रोहतास उद्योग पुंज के इस बंद पड़े कारखाने को रेलवे ने खरीदा, तो लोगों में नए उद्योग लगने आस जगी थी, लेकिन यहा कोई उद्योग नहीं लग पाया है।  
पीएम मोदी ने दिया भरोसा

काराकाट संसदीय क्षेत्र के उस समय के सांसद व केंद्र में मंत्री रहे उपेंद्र कुशवाहा ने पहल कीl 2015 के विधानसभा चुनाव से पूर्व पीएम नरेंद्र मोदी ने डालमियानगर में रेल कारखाना लगाने का भरोसा दियाl  

2017 जून में रेल मंत्रालय ने यहां रेल बैगन मरम्मत कारखाना, हाई एक्सेल बोगी निर्माण की जिम्मेवारी राइट्स को सौपीl बंद पड़े रोहतास उद्योग के कबाड़ में तब्दील हो चुकी पुराने कारखाना की सामग्री 94 करोड़ में नीलाम हो गईl  

रेल बैगन मरम्मत कारखाना लगाने का 2020 में बजटीय प्रावधान भी किया गया, लेकिन उद्योग धरातल पर नहीं उतर पायाl

उद्योगपति रामकृष्ण डालमिया ने 1932 में यहां फैक्ट्री लगाकर लोगों के जीवन में नई ऊर्जा का संचार किया था। सोन नदी के किनारे बसे लोगों के लिए शहर में उस समय सभी सुविधाएं उपलब्ध थी, जो एक विकसित टाउनशिप में हुआ करती है।

डालमियानगर के वासी यहां की सुख शांति और समृद्धि को लेकर फूले नहीं समाते थे। डालमियानगर से रोहतास तक लोगों के आवागमन के लिए छोटी रेल लाइन सुविधा, बेहतर सड़क, आधुनिकतम आवास, कालेज, स्कूल आदि स्थापित हुए थे।

कहते है शहरवासी

सदर चौक सफीउल्ला खान का कहना है कि पीएम की घोषणा के बाद भी रेल बैगन मरम्मत कारखाना का धरातल पर नहीं उतर पाना क्षेत्र शाल रहा हैl इस मामले में सत्ता पक्ष व विपक्ष की चुप्पी दुर्भाग्य पूर्ण हैl उम्मीद है केंद्र व राज्य की सरकार प्राथमिकता के आधार पर रेल कारखाना का निर्माण करा मृत्यु शैया पर पड़े इस शहर को नया जीवन देगी l


विकास का दावा करने वाले केंद्र व राज्य सरकार के होर्डिंग व टीवी पर चल रहे विज्ञापन दिख सकता है, लेकिन रेल कारखाना नहीं लगना डेहरी डालमियानगर की मृतप्राय आर्थिक विकास अपने दर्द की खुद ही कहानी कहता है l- अभय कुमार, व्यवसाई पाली रोड

स्थानीय जन प्रतिनिधियों के उदासीन रवैया के कारण यह कहना मुश्किल है कि शाहाबाद के क्षेत्र के लोगों को डालमियानगर की वह पुरानी चमक कब देखने को मिलेगी। नौ जुलाई 1984 में जब इस कारखाने में तालाबंदी हुई, तो रातों-रात बीस हजार कर्मचारी सड़क पर आ गए।- रौशन कुमार, व्यवसाई राजपुतान मुहल्ला

डालमियानगर उद्योग समूह के बंद होने के बाद आसपास के कई उद्योगों को भी नजर लग गई। प्रसिद्ध पाइराइट फास्फेट केमिकल लिमिटेड [पीपीसीएल] अमझोर भी 1995 में बंद हो गया। स्थानीय लोगों को आशा है कि यहां के स्थानीय जनप्रतिनिधि रेलवे के प्रस्तावित कारखाने का मुद्दा संसद में उठाएंगे, जिससे यह फलीभूत होकर अपने अंजाम तक पहुंच सके।- विशाखा सिंह, नप की पूर्व मुख्य पार्षद
like (0)
LHC0088Forum Veteran

Post a reply

loginto write comments

Related threads

LHC0088

He hasn't introduced himself yet.

8212

Threads

0

Posts

210K

Credits

Forum Veteran

Credits
24882
Random